पीएम मोदी देंगे किसानों को सौगात, 'पीएम धन-धान्य योजना' और 'दलहन आत्मनिर्भरता मिशन' की होगी शुरुआत

कृषि मंत्रालय के मुताबिक, 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 1,100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी करेंगे.

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पीएम मोदी 11 अक्टूबर के दिन किसानों को दो नई योजनाओं की सौगात देने जा रहे हैं.  लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृषि मंत्रालय की दो अहम नयी योजनाएं- ‘पीएम धन-धान्य योजना' और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन' की शुरुआत करेंगे. इन योजनाओं का लक्ष्य उन जिलों में दाल और अन्य खाद्य फसलों की उत्पादकता को बढ़ाना है, जहां अभी उत्पादकता का स्तर काफी कम है.

अलग-अलग फसलों की उत्पादकता अलग-अलग राज्यों में

दरअसल पूरे देश में हर क्षेत्र की उत्पादकता एक जैसी नहीं है. अलग-अलग फसलों की उत्पादकता अलग-अलग राज्यों में अलग है. राज्यों के अंदर भी अलग-अलग जिलों में उत्पादकता का स्तर विभिन्न है.

कृषि मंत्रालय के मुताबिक,

"सरकार ने तय किया है कि कम उत्पादकता वाले जिले छांटे जाएंगे और उनमें उत्पादकता बढ़ाने के लिए कुछ विशेष प्रयत्न किए जाएंगे. कम उत्पादकता वाले जिलों को यदि औसत स्तर पर भी ले आएं, तो देश के कुल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. जरूरतें भी पूरी होंगी और उन जिलों के किसानों की आय भी बढ़ेगी. फिलहाल ऐसे 100 जिले चयनिय किए गए हैं जिनपर केंद्रित होकर काम किया जाएगा और प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना के तहत इन जिलों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रयत्न किए जाएंगे. प्रयत्नों में सिंचाई की व्यवस्था में विस्तार, भंडारण की व्यवस्था, दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋणों की सुविधाओं में विस्तार, फसलों में विविधिकरण शामिल हैं".

नीति आयोग करेगा निगरानी

इस फैसले का ऐलान करते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना आकांक्षी जिलों के लिए बनाए मॉडल पर आधारित है. नीति आयोग डैश बोर्ड के माध्यम से इस योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करेगा. साथ ही, भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक है और उपभोक्ता भी है. लेकिन इसके बावजूद भारत सबसे ज्यादा दालों का आयात भी करता है. दलहन के मामले में भारत अभी आत्मनिर्भर नहीं है. इसलिए दालों में आत्मनिर्भरता के लिए ‘दलहन मिशन' की योजना बनाई गई है."

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा,

दलहन मिशन के तहत बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर फोकस होगा. सरकार का लक्ष्य 2030-31 तक दालों के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी करना है. वर्तमान में बुवाई क्षेत्रफल 275 लाख हेक्टेयर है जिसे बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर किया जाएगा. अभी दालों का उत्पादन 242 लाख टन है जिसे बढ़ाकर 350 लाख टन करने का लक्ष्य तय किया गया है. साथ ही, दाल की अभी उत्पादकता 880 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है जिसे बढ़ाकर 1,130 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर करने का प्रयास होगा"

कृषि मंत्रालय के मुताबिक, 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 1,100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी करेंगे. कुल 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की इन योजनाओं के माध्यम से कृषि क्षेत्र में विकास की प्रक्रिया को मजबूत करने की तैयारी है.

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