प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को भारत की द्विवार्षिक एयरोस्पेस प्रदर्शनी- 'एयरो इंडिया' का उद्घाटन करेंगे. 'एयरो इंडिया' सैन्य विमानों, हेलीकाप्टरों, रक्षा उपकरणों और नये युग के एवियोनिक्स के निर्माण के लिए देश को एक उभरते हुए केंद्र के रूप में प्रदर्शित करेगा.
अधिकारियों के मुताबिक बेंगलुरु के बाहरी इलाके में वायुसेना के यालहंका सैन्य अड्डे के परिसर में पांच-दिवसीय इस प्रदर्शनी में 809 रक्षा कंपनियों के अलावा 98 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे.
अधिकारियों ने कहा कि एयरो इंडिया में लगभग 250 बिजनेस-टू-बिजनेस समझौते होने की उम्मीद है, जिससे लगभग 75,000 करोड़ रुपये के निवेश का मार्ग प्रशस्त होने का अनुमान है.
उन्होंने कहा कि एयरो इंडिया के 14वें संस्करण का विषय 'द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज' है. इसका उद्देश्य एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में देश की क्षमताओं में वृद्धि को प्रदर्शित कर एक मजबूत और आत्मनिर्भर 'नये भारत' के उदय का प्रचार करना है.
प्रदर्शनी में सरकार के 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' विजन के अनुरूप स्वदेशी उपकरणों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने और विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 'एयरो इंडिया- 2023' देश की विनिर्माण क्षमता और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा परिकल्पित 'आत्मनिर्भर भारत' को साकार करने की दिशा में हुई प्रगति का उल्लेख करेगा.
उन्होंने कहा कि यह आयोजन एयरोस्पेस और विमानन क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा. राजनाथ सिंह ने कहा कि एयरो इंडिया भारत में एयरोस्पेस क्षेत्र के विस्तृत विकास में एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा और रक्षा निर्माण में देश के आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को साकार करने में मदद करेगा.
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि बेंगलुरु एयरोस्पेस क्षेत्र के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभरेगा. हमारा उद्देश्य एक जीवंत रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है.''
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