शहबाज के सामने पाकिस्तान को मैसेज... SCO समिट में आतंकवाद पर PM मोदी ने दोहरा रुख रखने वालों को घेरा

SCO Summit 2025: 10 सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के राष्ट्राध्यक्षों का शिखर सम्मेलन सोमवार को चीन के तियानजिन में हो रहा है.

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SCO Summit 2025: शिखर सम्मेलन में बोलते पीएम मोदी
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  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में आतंकवाद को विश्व के लिए गंभीर खतरा बताया.
  • मोदी ने पहलगाम हमले को आतंकवाद का घिनौना रूप करार देते हुए आतंकवाद पर दोहरे मापदंड को अस्वीकार्य कहा.
  • प्रधानमंत्री ने एससीओ को लेकर भारत की नीति को सुरक्षा, कनेक्टिविटी और अवसर के तीन स्तंभों पर आधारित बताया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में बोलते हुए आतंकवाद को दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताया. पीएम मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सामने ही कहा कि पहलगाम में दुनिया ने आतंक का घिनौना रूप देखा. उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद का दंश झेल रहा है और आतंकवाद पर दोहरा रवैया नहीं चलेगा.

पीएम मोदी ने यहां कहा, "भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है... हाल ही में, हमने पहलगाम में आतंकवाद का घिनौना रूप देखा. इस दुख की घड़ी में जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं."

"यह (पहलगाम) हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति को खुली चुनौती थी. ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है. हमें स्पष्ट रूप से और एक स्वर में कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं होंगे"

पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत ने SCO के सक्रिय सदस्य के रूप में हमेशा रचनात्मक और सकारात्मक भूमिका निभाई है. SCO एससीओ को लेकर भारत का दृष्टिकोण और नीति तीन महत्वपूर्ण स्तंभों पर आधारित है: S - सिक्योरिटी, C - कनेक्टिविटी और 0 - अपॉर्चुनिटी."

सभी की निगाहें अब शिखर सम्मेलन के ज्वाइंट स्टेटमेंट पर हैं जिससे पता चलेगा कि क्या चीन और रूस सहित यूरेशियाई शक्तियां आतंकवाद पर भारत के रुख का समर्थन करती हैं.

सुरक्षा, शांति और स्थिरता विकास का आधार- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने यहां कहा, "सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं. लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद बड़ी चुनौतियां हैं. आतंकवाद केवल किसी किसी देश की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक साझा चुनौती है. कोई देश, कोई समाज, कोई नागरिक इससे खुद को सुरक्षित नहीं समझ सकता. इसलिए, भारत ने आतंकवाद से लड़ाई में एकता पर जोर दिया है... भारत ने संयुक्त सूचना अभियान का नेतृत्व करके अल-कायदा और उससे जुड़े आतंकवादी संगठनों से लड़ने की पहल की... हमने आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ आवाज उठाई. इसमें मिले समर्थन के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं."

10 सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों का शिखर सम्मेलन सोमवार को चीन के तियानजिन में शुरू हुआ. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संगठन के अन्य नेताओं के साथ मिलकर इस समूह की भावी दिशा तय करने के लिए एक दिवसीय शिखर सम्मेलन में विचार-विमर्श शुरू किया.

यहां चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने नेताओं का स्वागत किया. 25वें शिखर सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत रविवार रात शी चिनफिंग द्वारा आयोजित एक भव्य भोज के साथ हुई. इसमें प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत अन्य नेता भी शामिल हुए. इस वर्ष का शिखर सम्मेलन एससीओ समूह का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन बताया गया है, क्योंकि इस वर्ष एससीओ के अध्यक्ष चीन ने ‘एससीओ प्लस' शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस सहित 20 विदेशी नेताओं और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को आमंत्रित किया है.

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