- पीएम नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हुए हमले को अत्यंत निंदनीय बताया है.
- सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने जूता फेंकने की कोशिश की, जिसे सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत रोक दिया था.
- मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कोर्ट रूम में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखा और वकीलों से दलीलें जारी रखने को कहा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कोशिश के बाद चीफ जस्टिस बीआर गवई से बात की है. पीएम मोदी ने उन पर हुए हमले को परेशान करने वाला बताया. साथ ही कहा कि ऐसे कृत्यों की सभ्य समाज में कोई जगह नहीं है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश को निंदनीय बताया है. उन्होंने कहा कि ये हमला हमारी न्यायपालिका की गरिमा और हमारे संविधान की भावना पर हमला है.
सीजेआई पर हमला अत्यंत निंदनीय- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर सीजेआई गवई से बात करने की जानकारी दी. उन्होंने लिखा, 'भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई जी से बात की. आज सुबह सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय क्षुब्ध है. हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है. यह अत्यंत निंदनीय है.'
प्रधानमंत्री ने साथ ही उनके धैर्य की भी सराहना की. उन्होंने लिखा, 'ऐसी स्थिति में चीफ जस्टिस गवई की तरफ से प्रदर्शित धैर्य की मैं सराहना करता हूं. यह न्याय के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और हमारे संविधान की भावना को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.'
राहुल गांधी ने भी सीजेआई पर हमले की निंदा की
वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी सीजेआई गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की घटना को निंदनीय बताया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'भारत के मुख्य न्यायाधीश पर हमला हमारी न्यायपालिका की गरिमा और हमारे संविधान की भावना पर हमला है. इस तरह की नफरत के लिए हमारे देश में कोई स्थान नहीं है और इसकी निंदा की जानी चाहिए.'
आपको बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कार्यवाही के दौरान एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की ओर जूता फेंकने की कोशिश की. यह घटना उस समय हुई जब मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ वकीलों द्वारा मामलों की सुनवाई कर रही थी.
क्या थी पूरी घटना?
आरोपी वकील सीजेआई के नजदीक पहुंचा, अपना जूता उतारा और उनकी तरफ फेंकने की कोशिश की. कोर्ट रूम में मौजूद सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और हमले को रोका. वकील को तुरंत अदालत परिसर से बाहर ले जाया गया. जब उसे ले जाया जा रहा था, तो वकील 'सनातन का अपमान नहीं सहेंगे' चिल्लाते हुए सुनाई दिए.
इस पूरे घटनाक्रम में मुख्य न्यायाधीश शांत रहे और उन्होंने कोर्ट रूम में मौजूद वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने का आग्रह किया. सीजेआई ने टिप्पणी की, 'इस सब से विचलित न हों. हम विचलित नहीं हैं. ये चीजें मुझे प्रभावित नहीं करतीं.' सुप्रीम कोर्ट की सिक्योरिटी यूनिट ने वकील और घटना के संभावित कारणों के बारे में जांच शुरू कर दी है.