INSV Kaundinya की ओमान यात्रा को लेकर पीएम मोदी ने कही बड़ी बात, बोले- फिर ताजा कर रहे हमारे ऐतिहासिक संबंध

आईएनएसवी कौंडिन्य के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुशी जाहिर की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर भारतीय नौसेना समेत इसके डिजाइनरों और कारीगरों को बधाई दी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
INSV Kaundinya की ओमान यात्रा
New Delhi:

भारतीय नौसेना का अनोखा जहाज INSV Kaundinya अपनी पहली यात्रा ओमान के लिए निकल चुका है. सोमवार (29 दिसंबर) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के पोरबंदर से ओमान के मस्कट तक की यात्रा के लिए हरी झंडी दिखाई. अनूठी तकनीक से सिली हुई ये नौकायन पोत आईएनएसवी कौंडिन्य की यह पहली यात्रा है. आईएनएसवी कौंडिन्य के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुशी जाहिर की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर भारतीय नौसेना समेत इसके डिजाइनरों और कारीगरों को बधाई दी.

पीएम मोदी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि INSV कौंडिन्य पोरबंदर से मस्कट, ओमान के लिए अपनी पहली यात्रा पर निकल रही है. प्राचीन भारतीय सिलाई वाली जहाज़ बनाने की तकनीक से बनी यह जहाज़ भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं को दिखाती है. मैं इस अनोखे जहाज़ को बनाने में उनके समर्पित प्रयासों के लिए डिज़ाइनरों, कारीगरों, जहाज़ बनाने वालों और भारतीय नौसेना को बधाई देता हूं. मैं चालक दल को सुरक्षित और यादगार यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं, क्योंकि वे खाड़ी क्षेत्र और उससे आगे हमारे ऐतिहासिक संबंधों को फिर से ताज़ा कर रहे हैं.

बता दें, नौकायन पोत का नाम प्रसिद्ध प्राचीन भारतीय नाविक कौंडिन्य के नाम पर रखा गया है. कौंडिन्य प्राचीन भारत काल में भारत से दक्षिण-पूर्व एशिया तक समुद्री यात्रा करने के लिए जाने जाते हैं.

प्राचीन तकनीक से बना है INSV कौंडिन्य 

INSV कौंडिन्य को पारंपरिक तरीके से बनाया गया है. यह युद्धपोत नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य भारत की प्राचीन समुद्री परंपराओं को दिखाना और पुराने समुद्री व्यापार मार्गों पर प्रतीकात्मक यात्राएं करना है. इसमें लकड़ी के तख्तों को कीलों की जगह नारियल के रेशों की रस्सियों से सिला गया है. प्राकृतिक पदार्थों से जोड़ा गया है. कौंडिन्य पोत में पुराने इतिहास, शानदार कारीगरी और आधुनिक नौसैनिक कौशल का एक अनोखा मेल है. यह वही तकनीक है, जिससे पुराने समय में भारतीय नाविक पश्चिम एशिया, अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया तक समुद्री यात्राएँ करते थे.

इसकी बनावट अजंता गुफाओं में दिखाए गए 5वीं सदी के जहाजों से प्रेरित है. इसकी लंबाई लगभग 19.6 मीटर चौड़ाई करीब 6.5 मीटर और पानी में बैठने की गहराई लगभग 3.33 मीटर है. 

Advertisement

यह भी पढ़ेंः बिना इंजन का जहाज INSV Kaundinya भारत से ओमान जाएगा

Featured Video Of The Day
Sucherita Kukreti | सुबुही ने इस्लाम के ठेकेदारों की लगा दी क्लास! | Mufti Shamail Nadwi Statement