प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या और अन्य तीर्थस्थलों के विकसित होने से भारत की संस्कृति, विरासत और आस्था के केंद्रों का गौरव सदियों के बाद वापस मिल रहा है . प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में पूजा-अर्चना और आदि गुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल एवं प्रतिमा का अनावरण करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि हमारी संस्कृति, विरासत और आस्था के केंद्रों को उसी गौरव भाव से देखा जा रहा है, जैसे देखा जाना चाहिए था. आज अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर पूरे गौरव के साथ बन रहा है. अयोध्या को उसका गौरव सदियों के बाद वापस मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि अभी दो दिन पहले अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन हुआ, जिसे दुनिया ने देखा. इसका प्राचीन सांस्कृतिक स्वरूप कैसा रहा होगा, आज हम इसकी कल्पना कर सकते हैं. मोदी ने कहा कि भगवान राम से जुडे सभी तीर्थ स्थानों को जोड़कर एक पर्यटन सर्किट बनाने का काम चल रहा है . उन्होंने कहा कि इसी तरह उत्तर प्रदेश में काशी का भी कायाकल्प हो रहा है, जहां विश्वनाथ धाम का कार्य पूर्णता की ओर बढ़ रहा है . उन्होंने कहा कि बनारस में सारनाथ, उसके पास स्थित कुशीनगर और बोधगया आदि स्थानों को जोड़कर विश्व भर में बौद्ध धर्म के अनुयायियों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन सर्किट बन रहा है तथा मथुरा और वृदांवन में भी वहां की शुचिता और पवित्रता को बरकरार रखते हुए विकास कार्य चल रहे हैं .
केदारनाथ में PM मोदी ने किया रुद्राभिषेक, 12 फीट ऊंची आदि शंकराचार्य की मूर्ति का भी अनावरण
प्रधानमंत्री ने कहा कि केदारनाथ से हर श्रद्धालु एक नई ऊर्जा लेकर जाता है और आदि गुरु शंकराचार्य की इस विरासत को देश अपने लिए एक प्रेरणा के रूप में देखता है . उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनजर देशवासियों से आग्रह किया कि वे स्वाधीनता संग्राम से जुड़े ऐतिहासिक स्थानों के साथ-साथ केदारनाथ जैसे पवित्र स्थानों पर भी ज्यादा से ज्यादा जाएं, नई पीढ़ी को भी उनसे परिचित कराएं और हजारों साल की महान चेतना की अनुभूति करें.
"भारत में तपस्वी आध्यात्मिक चेतना को जगाते रहते हैं": केदारनाथ में बोले PM मोदी