'राजनीति में खेल नहीं खेलते...', PM मोदी ने सीपी राधाकृष्णन को लेकर ऐसा क्यों कहा?

PM मोदी ने सांसदों से कहा कि वे जनता के बीच प्रथम प्रधानमंत्री द्वारा भारत के हितों के साथ किए गए कथित विश्वासघात को लेकर जाएं तथा बताएं कि किस प्रकार उनकी सरकार ने देश, विशेषकर किसानों पर समझौते के प्रतिकूल प्रभाव को समाप्त करने का निर्णय लिया है.

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  • प्रधानमंत्री मोदी ने सी.पी. राधाकृष्णन की सादगी और जनसेवा के प्रति उनके चालीस वर्षों के समर्पण की प्रशंसा की
  • मोदी ने राधाकृष्णन की खेलों में रुचि का उल्लेख करते हुए कहा कि वे राजनीति में खेल नहीं खेलते
  • सी.पी. राधाकृष्णन को एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है
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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल और राजग के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन की सादगी भरी जीवनशैली और विभिन्न पदों पर रहते हुए जनसेवा के प्रति समर्पण की सराहना की और कहा कि राधाकृष्णन को खेलों में काफी रुचि हो सकती है लेकिन वह राजनीति में खेल नहीं खेलते. सूत्रों ने यह जानकारी दी. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) संसदीय दल की बैठक में राधाकृष्णन को सम्मानित किया गया. बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने तमिलनाडु भाजपा के पूर्व अध्यक्ष के साथ अपने लगभग चार दशक लंबे जुड़ाव को याद किया, जो जनसंघ और फिर भाजपा में शामिल होने से पहले उनकी तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी थे. उन्होंने कहा कि वे एक-दूसरे को तब से जानते हैं जब उनके बाल काले थे. उन्होंने विभिन्न क्षमताओं में उनके काम की प्रशंसा की.

सूत्रों के अनुसार, एक उत्साही खिलाड़ी के रूप में राधाकृष्णन की पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी खेलों में काफी रुचि है, लेकिन वे राजनीति में खेल नहीं खेलते. उनकी टिप्पणियों ने कुछ सांसदों को जगदीप धनखड़ की याद दिला दी, जिन्होंने 21 जुलाई को अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था. ऐसे संकेत मिले थे कि सत्तारूढ़ पार्टी के साथ उनके खराब होते संबंधों के कारण उन्हें यह पद छोड़ना पड़ा.

सूत्रों ने बताया कि अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने सिंधु जल संधि को लेकर भी कांग्रेस की आलोचना की जिसे उनकी सरकार ने स्थगित कर दिया था. उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू (देश के प्रथम प्रधानमंत्री) ने अपनी छवि चमकाने के लिए भारत के हितों से समझौता किया और अपने मंत्रिमंडल या संसद को विश्वास में लिए बिना ही इस समझौते को मंजूरी दे दी.

मोदी ने सांसदों से कहा कि वे जनता के बीच प्रथम प्रधानमंत्री द्वारा भारत के हितों के साथ किए गए कथित विश्वासघात को लेकर जाएं तथा बताएं कि किस प्रकार उनकी सरकार ने देश, विशेषकर किसानों पर समझौते के प्रतिकूल प्रभाव को समाप्त करने का निर्णय लिया है. उन्होंने राजग के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के सार्वजनिक सेवा के प्रति 40 वर्षों के समर्पण के लिए प्रशंसा की तथा विपक्षी दलों से उनके सर्वसम्मति से चुनाव की अपील की.

राधाकृष्णन के निर्विरोध निर्वाचन की उनकी उम्मीद हालांकि तब टूट गई जब विपक्ष ने बाद में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया, जिससे यह सुनिश्चित हो गया कि अगले उपराष्ट्रपति के चयन के लिए 9 सितंबर को मतदान होगा. अनेक मुद्दों को समेटते हुए अपने भाषण में मोदी ने ‘एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स' द्वारा भारत की दीर्घकालिक सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को उन्नत करने के हाल के निर्णय का भी उल्लेख किया और कहा कि यह देश की सुदृढ़ अर्थव्यवस्था को दर्शाता है तथा इससे अधिक निवेश आकर्षित होगा.

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के भाषण के बाद उन्हें बताया गया था कि शेयर बाजार उस निर्णय का स्वागत करेगा, जिसमें उन्होंने अगली पीढ़ी के सुधारों और जीएसटी दरों के सरलीकरण की घोषणा की थी. स्वतंत्रता दिवस और सप्ताहांत के कारण तीन दिन की छुट्टी के बाद सेंसेक्स में लगातार दो दिन तेजी रही. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने संवाददाताओं को बताया कि राजग की बैठक में राधाकृष्णन को मोदी और भाजपा के सहयोगी दलों के नेताओं ने सम्मानित किया. उन्होंने बताया कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने प्रधानमंत्री द्वारा राधाकृष्णन का उत्साहपूर्वक स्वागत किया.

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रीजीजू ने कहा कि राधाकृष्णन (67) ने किसी भी विवाद या दाग से दूर रहते हुए एक साधारण जीवन जिया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उपराष्ट्रपति के रूप में उनका चुनाव पूरे देश के लिए खुशी की बात होगी. लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों वाले निर्वाचक मंडल में भाजपा नीत राजग को स्पष्ट बहुमत मिलने के कारण, राधाकृष्णन की जीत निश्चित है. उनके बुधवार को नामांकन दाखिल करने की संभावना है.

अपने संबोधन के दौरान सिंधु जल संधि का मुद्दा उठाते हुए मोदी ने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री ने नदी के 80 प्रतिशत से अधिक पानी को पाकिस्तान को इस्तेमाल करने की अनुमति दी जो भारतीय किसानों के हितों के साथ विश्वासघात था. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री और तत्कालीन जनसंघ सांसद अटल बिहारी वाजपेयी सहित सांसदों ने विरोध किया तो संसद में दो घंटे की बहस की अनुमति दी गई.

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मोदी ने कहा कि आलोचना के बीच बाद में नेहरू ने अफसोस जताया कि कुछ बाल्टी पानी के लिए इतना शोर मचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री ने लद्दाख में चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने को भी कमतर आंकते हुए कहा था कि वहां घास का एक तिनका भी नहीं उगता. उन्होंने बताया कि बाद में नेहरू ने अपने एक सहयोगी से कहा कि उनका मानना था कि इस समझौते से पाकिस्तान के साथ अन्य मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार उस युग के पापों को धो रही है. भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने के फैसले के बाद अमेरिका के साथ संबंधों में तनाव के बीच आर्थिक परिदृश्य के प्रति आश्वस्त करते हुए मोदी ने कहा कि दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को दुनिया के सबसे व्यस्त हवाईअड्डों में शुमार किया गया है और भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत बना हुआ है.
 

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