एक मंच पर दिखे पीएम मोदी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और देवगौड़ा, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को लेकर PM ने कही यह बात

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा समेत तमाम दलों के नेता एक मंच पर दिखे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू की पुस्तक के विमोचन में जुटे तमाम नेता
नई दिल्ली: उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू की पुस्तक ‘‘मूविंग आन मूविंग फारवर्ड, ए इयर इन ऑफिस’’ के विमोचन के मौके पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा समेत तमाम दलों के नेता एक मंच पर दिखे. समारोह में पीएम विपक्ष के नेताओं से गर्मजोशी से मिलते दिखे. उन्होंने कहा कि अटल जी वेंकैया नायडू को मंत्रालय देना चाहते थे. वेंकैया जी ने कहा, 'मैं ग्राम विकास मंत्री बनना चाहता हूं'. वे खेती-किसानी और किसानों के विकास के लिए समर्पित हैं. वहीं उपराष्ट्रपति  वेंकैया नायडू ने कहा कि खेती-किसानी को सतत सहयोग की जरूरत है. 
 
विमोचन कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने कहा कि यहां वित्त मंत्री भी मौजूद हैं. उन्हें शायद मेरी बात ठीक न लगे क्योंकि उन्हें
सबका ख्याल रखना है, लेकिन आने वाले दिनों में खेती-किसानी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. नहीं तो लोग खेती छोड़ रहे हैं क्योंकि यह फायदे का सौदा नहीं रही है. आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में वेंकैया नायडू ने पिछले एक साल में अपने अनुभवों का उल्लेख 245 पृष्ठ की इस पुस्तक में शब्दों और चित्रों के माध्यम से किया है. उन्होंने पुस्तक में 465 चित्रों के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों, यात्रा विवरण और विभिन्न सम्मेलनों के अनुभव साझा किये है. उल्लेखनीय है कि नायडू ने गत वर्ष 11 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की थी.
गत 10 अगस्त को उन्होंने संसद के मानसून सत्र के दौरान उच्च सदन की समापन बैठक को संबोधित करते हुये बताया था कि वह अपने पहले वर्ष के कार्यकाल के अनुभवों पर एक पुस्तक लिख रहे हैं.  पुस्तक में नायडू ने अपनी नयी भूमिका के बारे में लिखा है कि उन्होंने देश के इतिहास के एक रोचक मोड़ पर उपराष्ट्रपति पद ग्रहण किया है. इस दौर को उन्होंने अदम्य चुनौतियों और असीमित अवसरों का कालखंड बताते हुये कहा कि वह भाग्यशाली हैं, कि जब उन्हें इस नयी भूमिका में देश और नागरिकों की सेवा करने का अवसर मिला है. राज्यसभा के सभापति के रूप में अपने अनुभवों के बारे में नायडू ने पुस्तक में पहले दो सत्रों में अपेक्षित कामकाज नहीं हो पाने के कारण निराशा व्यक्त की है, लेकिन मानसून सत्र में इस बार बेहतर कामकाज होने का हवाला देते हुये उन्होंने भविष्य के नयी शुरूआत होने की उम्मीद जताई है. 

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू बोले- संसद में काम करने के दो ही तरीके हैं, टॉक या फिर वॉक आउट
Featured Video Of The Day
India के Air Strike से घबराया Dawood Ibrahim, जान बचाने के लिए छोड़ा Karachi - सूत्र | Pakistan
Topics mentioned in this article