PM मोदी ने संसद में जमकर की मनमोहन सिंह की तारीफ, कांग्रेस के ‘ब्लैक पेपर’ को कहा ‘काला टीका’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘मैं विशेष रूप से मनमोहन सिंह जी का स्मरण करना चाहूंगा. छह बार इस सदन में वो अपने मूल्यवान विचारों से और नेता के रूप में भी और प्रतिपक्ष में भी नेता के रूप में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है.’’ मोदी ने कहा कि वैचारिक मतभेदों के कारण कभी बहस के दौरान छींटाकशी हो जाती है लेकिन वह बहुत अल्पकालीन होता है.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को देश के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सराहना करते हुए उन्हें ‘प्रेरक उदाहरण' बताया और कहा कि जब भी लोकतंत्र की चर्चा होगी तो उनके योगदान को याद किया जाएगा. राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों की विदाई के अवसर पर उच्च सदन को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस की ओर से केंद्र सरकार के खिलाफ ‘ब्लैक पेपर' जारी किए जाने का स्वागत भी किया और विपक्षी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश की समृद्धि को नजर ना लगे, इसके लिए ‘काला टीका' बहुत जरूरी होता है.

प्रधानमंत्री ने शारीरिक अस्वस्थता के बावजूद सदन की कार्यवाही में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मनमोहन सिंह की सराहना की और उनके दीर्घायु होने की भी कामना की. मोदी जब मनमोहन सिंह की सराहना कर रहे थे तो पूर्व प्रधानमंत्री सदन में मौजूद नहीं थे. मनमोहन सिंह सहित उच्च सदन के 68 सदस्य फरवरी से मई महीने के बीच सेवानिवृत्त हो रहे हैं. वह उच्च सदन में राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘मैं विशेष रूप से मनमोहन सिंह जी का स्मरण करना चाहूंगा. छह बार इस सदन में वो अपने मूल्यवान विचारों से और नेता के रूप में भी और प्रतिपक्ष में भी नेता के रूप में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है.'' मोदी ने कहा कि वैचारिक मतभेदों के कारण कभी बहस के दौरान छींटाकशी हो जाती है लेकिन वह बहुत अल्पकालीन होता है.

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उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इतने लंबे अरसे तक जिस प्रकार से उन्होंने इस सदन का मार्गदर्शन किया है, देश का मार्गदर्शन किया है, वो हमेशा-हमेशा जब भी हमारे लोकतंत्र की चर्चा होगी... कुछ सदस्यों की जो चर्चा होगी, उसमें डॉ. मनमोहन सिंह की योगदान की चर्चा जरूर होगी.''

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प्रधानमंत्री ने कहा कि जो भी सदस्य इस सदन में आता है, वह चाहे किसी भी दल का क्यों न हो, अपने कार्यकाल के दौरान वह अपनी प्रतिभा और व्यवहार के दर्शन जरूर कराता है. उन्होंने कहा कि ऐसे सदस्यों के कार्यकाल से मार्गदर्शक के रूप में सीखने का प्रयास होना चाहिए.

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सदन और विभिन्न समितियों में मतदान के अवसर पर मनमोहन सिंह की भागीदारी को याद करते हुए मोदी ने कहा कि वह इन अवसरों पर भी व्हीलचेयर पर आए और लोकतंत्र के प्रति भागीदारी सुनिश्चित की. ऐसी ही एक घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि सभी को पता था कि विजय सत्ताधारी पक्ष की होने वाली है लेकिन डॉक्टर मनमोहन सिंह जी व्हीलचेयर में आए और उन्होंने मतदान किया.

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उन्होंने कहा, ‘‘एक सांसद अपने दायित्व के लिए कितना सजग है, इसका वो उदाहरण थे. वो प्रेरक उदाहरण था. इतना ही नहीं मैं देख रहा था कभी समिति या समिति के सदस्यों चुनाव हुए, वह व्हीलचेयर पर वोट देने आए. सवाल ये नहीं है कि वह किसको ताकत देने के लिए आए थे... मैं मानता हूं वो लोकतंत्र को ताकत देने आए थे.''

उन्होंने मनमोहन सिंह के दीर्घायु होने की कामना की और कहा कि वह निरंतर हमारा मार्गदर्शन करते रहें और हमें प्रेरणा देते रहें.

मनमोहन सिंह देश के चौदहवें प्रधानमंत्री थे. वर्ष 2004 से 2014 तक वह देश के प्रधानमंत्री रहे. मनमोहन सिंह ने 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया जो स्वतंत्र भारत के आर्थिक इतिहास में एक निर्णायक समय था. आर्थिक सुधारों के लिए व्यापक नीति के निर्धारण में उनकी भूमिका की आज भी सराहना होती है.

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कांग्रेस की ओर से केंद्र सरकार के खिलाफ ‘ब्लैक पेपर' जारी किए जाने का स्वागत किया और विपक्षी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश की समृद्धि को नजर ना लगे, इसके लिए ‘काला टीका' बहुत जरूरी होता है. उनके संबोधन से कुछ देर पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ 'ब्लैक पेपर' जारी किया, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय, किसान और कई अन्य विषयों पर सरकार की ‘विफलताओं' का उल्लेख किया गया है.

मोदी ने उनकी सरकार के खिलाफ ‘ब्लैक पेपर' लाने के लिए खरगे को धन्यवाद दिया और अपनी सरकार द्वारा किए जा रहे अच्छों कामों के बीच इसे नजर न लगे जाए इसलिए उसे 'काला टीका' कहा . प्रधानमंत्री ने विरोध के तौर पर सदन में विपक्षी सदस्यों द्वारा पहने जाने वाले काले कपड़ों का भी जिक्र किया और कहा, ‘‘हमने राज्यसभा में फैशन परेड भी देखी जिसमें कुछ सदस्य काले कपड़ों में आए.''

बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए परिवार के सदस्यों की ओर से अक्सर उसे काला टीका लगाए जाने के प्रचलन का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आज देश पिछले 10 साल में समृद्धि के नए-नए शिखर पर पहुंच रहा है. एक भव्‍य-दिव्‍य वातावरण बना है, उसको नजर न लग जाए... इसलिए काला टीका करने (लगाने) का एक प्रयास हुआ है.'' इसके लिए उन्होंने खरगे को धन्‍यवाद देते हुए कहा कि देश की प्रगति की यात्रा को कोई नजर न लग जाए. उन्होंने कहा, ‘‘कोई न नजर न लग जाए, इसलिए आज आपने जो काला टीका किया है... मैं तो सोच रहा था सब काले कपड़ों में आएंगे लेकिन शायद वह (कांग्रेस) ब्लैक पेपर तक आ गया है.''

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं उसका भी स्‍वागत करता हूं. क्‍योंकि जब भी अच्‍छी बात होती है, नजर न लग जाए, इसलिए काला टीका बहुत जरूरी होता है. और उस पवित्र काम को और आपकी (खरगे) उम्र के व्‍यक्ति से हो तो जरा अच्‍छा रहता है. तो मैं इसके लिए भी आपका आभार व्यक्त करता हूं.'' प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों से कहा कि वह नए दायित्व की ओर आगे बढ़ रहे हैं और उच्च सदन के सीमित विस्तार से एक बड़े विस्तार की तरफ जा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यसभा से निकलकर के वे जनसभा में जा रहे हैं. मैं मानता हूं उनका साथ, यहां का अनुभव, इतने बड़े मंच पर जा रहे हैं तब, देश के लिए एक बहुत बड़ी पूंजी बनकर के निकलेगा.'' उन्होंने कहा कि किसी विश्वविद्यालय में भी तीन-चार साल के बाद एक नया व्यक्तित्व बाहर निकलता है जबकि वे तो विविधताओं से भरे व अनुभव से गढ़े हुए इस विश्वविद्यालय में छह साल रहने के बाद जा रहे हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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