प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात कर रक्षा, परमाणु और अंतरिक्ष क्षेत्रों समेत सामरिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. दोनों नेताओं ने प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया.
दोनों नेताओं की मुलाकात इटली के दक्षिणी शहर बारी में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर हुई. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, “रणनीतिक साझेदारी को नए स्तर पर ले जाया जा रहा है! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इटली के अपुलिया में 50वें जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात की.”
उन्होंने लिखा, “दोनों नेताओं ने रक्षा, परमाणु, अंतरिक्ष, शिक्षा, जलवायु कार्रवाई, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, संपर्क व संस्कृति के क्षेत्रों में साझेदारी को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की. उन्होंने प्रमुख वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया.”
इस महीने की शुरूआत में प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार पदभार संभालने के बाद मैक्रों के साथ यह बैठक मोदी की किसी विदेशी नेता के साथ पहली आधिकारिक द्विपक्षीय बैठक है. मोदी ने लगातार तीसरी बार पदभार ग्रहण करने को लेकर राष्ट्रपति मैक्रों की हार्दिक शुभकामनाओं के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.
मोदी ने ‘एक्स' पर लिखा, “मेरे मित्र राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ बैठक शानदार रही. एक साल में यह हमारी चौथी बैठक है, जो इस बात का संकेत है कि हम मजबूत भारत-फ्रांस संबंधों को कितनी प्राथमिकता देते हैं.”
उन्होंने लिखा, “हमारे बीच रक्षा, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, एआई, ब्लू इकोनॉमी और अन्य कई विषयों पर चर्चा हुई. हमने इस बात पर भी चर्चा की कि युवाओं के बीच नवाचार व अनुसंधान को कैसे प्रोत्साहित किया जाए.”
मोदी ने अगले महीने शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक की मेजबानी के लिए मैक्रों को अपनी शुभकामनाएं भी दीं. फ्रांस 26 जुलाई से 11 अगस्त तक 2024 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी करेगा.
दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात जनवरी में हुई थी, जब फ्रांस के राष्ट्रपति भारत के 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए थे. दोनों नेताओं ने भारत-फ्रांस द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की, जिसमें 'होराइजन 2047' रोडमैप और हिंद-प्रशांत रोडमैप पर ध्यान केंद्रित किया गया.
बैठक के दौरान रक्षा, परमाणु, अंतरिक्ष, शिक्षा, जलवायु कार्रवाई, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, सम्पर्क, और सांस्कृतिक पहल जैसे कि राष्ट्रीय संग्रहालय साझेदारी और लोगों के बीच आपसी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने पर चर्चा हुई.
दोनों नेताओं ने 'मेक इन इंडिया' पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हुए सामरिक रक्षा सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, महत्वपूर्ण व उभरती प्रौद्योगिकियों, ऊर्जा और खेल के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की. साथ ही आगामी एआई शिखर सम्मेलन और संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन के संदर्भ में मिलकर काम करने पर भी सहमति व्यक्त की. दोनों सम्मेलन 2025 में फ्रांस में आयोजित किए जाएंगे.
दोनों नेताओं ने प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्थिर व समृद्ध वैश्विक व्यवस्था के लिए भारत और फ्रांस के बीच मजबूत और भरोसेमंद रणनीतिक साझेदारी महत्वपूर्ण है. उन्होंने इसे और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई.
दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात जनवरी में हुई थी, जब फ्रांस के राष्ट्रपति भारत के 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए थे. दोनों नेताओं ने अपनी पिछली बैठक के दौरान द्विपक्षीय सहयोग और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के लिए अपने साझा दृष्टिकोण की पुष्टि की थी, जिसे ‘होराइजन 2047' और जुलाई 2023 शिखर सम्मेलन के अन्य दस्तावेजों में रेखांकित किया गया है. ‘होराइजन 2047' रोडमैप भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 के लिए द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में महत्वाकांक्षी और व्यापक कार्यक्रम निर्धारित करता है.
मोदी इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर 50वें जी7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. वह अन्य आमंत्रित देशों के नेताओं व पोप फ्रांसिस के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर से संबंधित एक सत्र को संबोधित करेंगे.
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