भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के 2004 से 2014 के कार्यकाल को एक ऐसा दशक करार दिया, जिसे उसने गंवा दिया, क्योंकि इस दौरान भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ही रहा, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौ वर्षों के अपने कार्यकाल में भारत को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के मुकाम तक पहुंचा दिया. पार्टी मुख्यालय में यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की इस उपलब्धि को अमेरिकी ‘ब्रोकरेज' कंपनी मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में भी स्वीकार किया गया है.
उन्होंने कहा, "भारत के लिए 2004 से 2014 तक का दशक ऐसा समय रहा जिसे हमने गंवा दिया. इस पूरी अवधि में भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ही रहा. लेकिन जब से प्रधानमंत्री के रूप में मोदी ने देश की कमान संभाली, भारत 10 वीं से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन गया."
केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा कि हाल ही में आई मार्गन स्टेनली की रिपोर्ट में भी भारत में एक दशक से भी कम समय में हुए इस बदलाव की सराहना की गई है.
उन्होंने कहा, "अनुमान जताया जा रहा है कि 2026 तक भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन जाएगा और 2027-28 तक हम दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होंगे."
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी के सत्ता संभालने के बाद भारत में व्यापक बदलाव हुआ है, विशेषकर रेलवे के क्षेत्र में, जो कि पहले कभी नहीं हुआ.
उन्होंने कहा, "आज रेलवे का पूरा तंत्र ग्राहक अनुकूल है, सुविधाएं विश्व स्तरीय हैं और अवसंरचनाओं को मजबूत किया जा रहा है. साल 2014 से पहले केवल 21,000 किलोमीटर तक रेल लाइन का विद्युतीकरण हुआ था, जबकि आज यह आंकड़ा 37,000 किलोमीटर तक पहुंच गया है.
वैष्णव ने कहा कि साल 2014 में प्रतिदिन चार किमी रेलवे ट्रैक लगाए जा रहे थे, जबकि आज 14 किमी प्रतिदिन रेलवे ट्रैक लगाए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले नौ वर्षों में जिस तरह से रेलवे के हर क्षेत्र में सुधार किया गया है, उसका परिणाम आज दिखाई दे रहा है.
उन्होंने कहा, "आज करीब 800 करोड़ लोग सालाना ट्रेन से यात्रा करते हैं, 250 करोड़ लोग सड़क से यात्रा करते हैं और 30 करोड़ लोग हवाई यात्रा करते हैं. दूरसंचार प्रौद्योगिकी के लिए भारत हमेशा दुनिया पर निर्भर करता था, लेकिन आज 'मेक इन इंडिया' के कारण दुनिया के सबसे समृद्ध देशों में भारत की प्रौद्योगिकी निर्यात हो रही है."
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