चिनाब के ऊपर से खुला जन्नत का दरवाजा, एफिल टावर से ऊंचे पुल से कैसे गुजर रही ट्रेन; ड्रोन वीडियो में देखें

दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं को सहने में सक्षम है और ब्लास्ट-प्रूफ डिजाइन के साथ तैयार किया गया है. इसकी मजबूती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी अनुमानित उम्र 125 साल से अधिक है.

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इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना चिनाब ब्रिज
जम्मू-कश्मीर:

पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर की चिनाब नदी पर बने विश्व का सबसे ऊंचा रेल पुल ‘चिनाब ब्रिज' को देश को समर्पित कर दिया. इस पुल न केवल कश्मीर घाटी को पूरे भारत से जोड़ दिया, बल्कि क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक विकास को भी नई रफ्तार का रास्ता खोल दिया. दरअसल, ‘चिनाब रेल ब्रिज' को इंजीनियरिंग का एक आधुनिक चमत्कार कहा जाए तो गलत नहीं होगा. जम्मू और कश्मीर में स्थित यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है. ये ब्रिज मॉडर्न जमाने में भारत की इंजीनियरों की बेजोड़ कारीगरी का अद्भुत नमूना है.

एफिल टावर से ऊंचा चिनाब ब्रिज

यह ब्रिज पेरिस के मशहूर एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है और दिल्ली की मशहूर कुतुब मीनार से लगभग 287 मीटर ऊंचा है. ‘चिनाब रेल ब्रिज' नदी के तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. 272 किलोमीटर लंबे इस रेल मार्ग में 1315 मीटर का यह ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इस पुल का निर्माण 1486 करोड़ की लागत से किया गया है. यह 266 किमी प्रति घंटे तक की हवा की गति का सामना कर सकता है. साथ ही यह ब्रिज भूकंपीय क्षेत्र पांच में स्थित है और रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता के भूकंप को सहने में सक्षम है.

कश्मीर का सफर सुहावना

‘चिनाब रेल ब्रिज' की वजह से कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय घटकर 3 घंटे और कम हो गया. चिनाब ब्रिज पर पहला ट्रायल रन जून 2024 में सफलतापूर्वक पूरा हुआ था. इसके बाद जनवरी 2025 में वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल किया गया था. 

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‘नया कश्मीर' में नई कनेक्टिविटी

  • उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट से जम्मू और कश्मीर को ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिल गई. 272 किमी के रेल नेटवर्क में कुल 17 स्टेशन हैं. प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार ने 42 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया है.
  • चिनाब ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है. सिंगल-आर्च चिनाब ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर है, जो 1.3 किमी लंबा है और एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है.
  • अंजी ब्रिजः पहला केबल स्टेड रेलवे ब्रिज रियासी के अंजी खड्ड में भारतीय रेल ने पहला केबल स्टेड रेलवे ब्रिज बनाया है. इसका Y पाइलन 193 मीटर ऊंचा है. नदी तल से इसकी ऊंचाई 331 मीटर है. ब्रिज में कुल 96 स्टेड केबल का इस्तेमाल हुआ है.

36 टनल के अंदर 119 KM का सफर

  • प्रोजेक्ट में 36 मुख्य टनल हैं, जिनकी लंबाई 119 KM से ज्यादा है. सबसे लंबी टनल टी-50 है, जो 12.77 KM लंबी है. बनिहाल-काजीगुंड टनल 11.2 KM लंबी है, जबकि टी-33 टनल 3.2 KM लंबी है.

श्रीनगर जाने वाली ट्रेन की खासियत

  • रेल कोच में लगा हीटिंग सिस्टम, श्रीनगर जैसे इलाकों में माइनस टेंप्रेचर होने पर भी यात्रियों को ठंड से बचाएगा. यात्रियों को 360 डिग्री घूमने वाली सीट और चॉर्जिंग प्वाइंट की सुविधा मिल रही है.

धार्मिक पर्यटन में आएगा बूम

  •  रेल नेटवर्क के विस्तार और वन्दे भारत की रफ्तार से कश्मीर में धार्मिक पर्यटन के लिए खीर भवानी मंदिर, मार्तण्ड सूर्य मंदिर और अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का सफर अब और आसान होगा.

कार्गो टर्मिनल से व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

  •  बनिहाल से बारामूला के बीच चार कार्गो टर्मिनल से व्यापार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. सेव, सूखे मेवे, हस्तशिल्प और पश्मीना शॉल जैसे उत्पादों को बाजारों तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी.

सीमा पर सैन्य साजो सामान की आपूर्ति होगी तेज

  •  इस प्रोजेक्ट से रेल इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। LoC और LAC तक सैन्य साजो सामान की आपूर्ति तेज होगी.

टारगेट जीरो कॉर्बन उत्सर्जन

  • इस रेल नेटवर्क का शत प्रतिशत विद्युतीकरण हुआ है. इससे प्रधानमंत्री मोदी के जीरो कॉर्बन लक्ष्य को पाने में मदद मिलेगी.

कश्मीर की नई लाइफलाइन बनने वाले चिनाब ब्रिज में और क्या खास

चिनाब ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर है. यह कुतुब मीनार (272 मीटर) से पांच गुना और पेरिस के एफिल टावर (324 मीटर) से 35 मीटर अधिक ऊंचा है. चिनाब ब्रिज की मुख्य मेहराब 467 मी 1315 मीटर लंबा है. यह 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं को सहने में सक्षम है और ब्लास्ट-प्रूफ डिजाइन के साथ तैयार किया गया है. इसकी मजबूती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें 28,000 मीट्रिक टन से ज्यादा स्टील और 6 लाख बोल्ट का इस्तेमाल हुआ है. 17 स्पैन के साथ बने इस पुल की लागत 14,000 करोड़ रुपये से अधिक है.

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इस ब्रिज की नींव 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी. इसके निर्माण में 22 साल लगे और इसकी अनुमानित उम्र 125 साल से अधिक है. इसकी डिजाइन और तकनीकी विशेषताओं ने इसे दुनियाभर में चर्चा का विषय बना दिया है. चिनाब ब्रिज न केवल एक रेलवे पुल है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर को हर मौसम में देश से जोड़ने का एक मजबूत माध्यम भी है. इसकी भव्यता और इंजीनियरिंग की बारीकियां इसे एक ऐतिहासिक संरचना बनाती हैं. 

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