Explainer: पूरब में पीएम मोदी का ‘अष्ट लक्ष्मी’ विजन क्या है? समझिए इसकी ताकत

PM Modi at Rising Northeast Investors Summit: पीएम मोदी ने नॉर्थईस्ट के आठों राज्यों को 'अष्ट लक्ष्मी' कहकर संबोधित किया. उन्होंने कहा कि असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम देश की समृद्धि के आठ रूप हैं.

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PM Modi ने कहा कि अब नॉर्थईस्ट में शांति है और यहां निवेश का नया दौर शुरू हो चुका है.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत मंडपम में 'राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट' का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश के विकास में पूर्वोत्तर राज्यों यानी नॉर्थईस्ट की भूमिका बेहद अहम है. पीएम मोदी ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का सपना तभी पूरा हो सकता है, जब नॉर्थईस्ट के राज्य भी तेजी से आगे बढ़ें.

पूर्वोत्तर राज्यों 'अष्ट लक्ष्मी' को बताया देश की ताकत

पीएम मोदी ने नॉर्थईस्ट के आठों राज्यों को 'अष्ट लक्ष्मी' कहकर संबोधित किया. उन्होंने कहा कि असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम देश की समृद्धि के आठ रूप हैं. पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व सिर्फ दिशा नहीं है, बल्कि इसका मतलब है  सशक्त बनाना, मजबूत करना और बदलाव लाना.

अब सीमांत नहीं, विकास का इंजन है नॉर्थईस्ट

पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब पूर्वोत्तर को सिर्फ सीमांत इलाका माना जाता था. वहां बम, बंदूक और हिंसा की पहचान थी. लेकिन आज वही नॉर्थईस्ट विकास में सबसे आगे खड़ा है. उन्होंने बताया कि पिछले 10 साल में 10,000 से ज्यादा युवाओं ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है और विकास से जुड़ चुके हैं.

नॉर्थईस्ट में शांति और निवेश का नया दौर शुरू

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब नॉर्थईस्ट में शांति है और यहां निवेश का नया दौर शुरू हो चुका है. बीते कुछ सालों में शिक्षा के क्षेत्र में 21,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया गया है. सरकार का फोकस है कि नॉर्थईस्ट की विकास यात्रा और तेज हो.

राइजिंग नॉर्थईस्ट समिट के उद्घाटन समारोह में देश के दिग्गज उद्योगपति  गौतम अदाणी, मुकेश अंबानी और अनिल अग्रवाल भी शामिल हुए. इस दो दिवसीय कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकारों के मुख्यमंत्री, अधिकारी और विदेशी मेहमान भी मौजूद हैं.

अष्ट लक्ष्मी का मतलब क्या है?

पीएम मोदी ने इससे पहले अष्ट लक्ष्मी महोत्सव में बताया था कि जैसे देवी लक्ष्मी के आठ रूप होते हैं, वैसे ही नॉर्थईस्ट के आठ राज्यों में असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में भी समृद्धि के आठ रूप मौजूद हैं.

  1. आदि लक्ष्मी (संस्कृति की देवी) – पीएम मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट की हर राज्य की परंपरा और संस्कृति  बहुत समृद्ध है . नागालैंड का हॉर्नबिल फेस्टिवल, असम का बिहू, मणिपुरी नृत्य, सबकुछ इसका उदाहरण हैं.
  2. धन लक्ष्मी (संपत्ति की देवी) – पूर्वोत्तर में मिनिरल, तेल, चाय और बायोडायवर्सिटी जैसे संसाधनों का भंडार है. यहां  रिन्युएबल एनर्जी की भरमार है.
  3. धन्य लक्ष्मी (उपज की देवी) – नॉर्थ ईस्ट ऑर्गेनिक फार्मिंग और मिलेट्स के लिए जाना जाता है. सिक्किम भारत का पहला ऑर्गेनिक राज्य है.
  4. गज लक्ष्मी (प्रकृति और पर्यटन) – काजीरंगा जैसे नेशनल पार्क, झीलें, गुफाएं नॉर्थ ईस्ट को टूरिज्म हब बना सकते हैं.
  5.  संतान लक्ष्मी (हथकरघा, शिल्प  और कारीगरी) – यहां के हैंडलूम, हथकरघा और GI टैग प्रोडक्ट्स जैसे मुगा सिल्क, नागा शॉल देशभर में पसंद किए जाते हैं.
  6. वीर लक्ष्मी (शक्ति और साहस) – पूर्वोत्तर की महिलाएं हमेशा से साहस की मिसाल रही हैं. आज भी उनकी लीडरशिप और योगदान पूरे देश के लिए प्रेरणा है.
  7.  जय लक्ष्मी (यश और पहचान) – पूर्वोत्तर भारत को साउथ और ईस्ट एशिया से जोड़ता है. ये क्षेत्र भारत की ग्लोबल पहचान का बड़ा हिस्सा बन रहा है.
  8.  विद्या लक्ष्मी (ज्ञान की देवी) – आईआईटी,एनआईटी आईआईएम, एम्स, नेशनल गेम्स यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों से नॉर्थ ईस्ट एजुकेशन,स्किल और स्पोर्ट्स का हब बन रहा है.

अब नॉर्थईस्ट सिर्फ पहचान नहीं, प्रेरणा है: पीएम

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज नॉर्थईस्ट सिर्फ एक क्षेत्र नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा बन चुका है. यहां से हम समृद्धि, संस्कृति, शिक्षा और आत्मनिर्भरता का नया मॉडल देख रहे हैं.पूर्वोत्तर भारत अब देश के विकास में पीछे नहीं, बल्कि आगे है. सरकार का फोकस इसे निवेश, शिक्षा, पर्यटन और रोजगार के नए केंद्र के तौर पर आगे बढ़ाना है. 

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