VIDEO  : विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पीएम मोदी ने 2019 में ही कर दी थी "भविष्यवाणी"

पीएम मोदी अपने उस वीडियो में विपक्ष और खासकर कांग्रेस पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि आज आप अपनी हालत देखिए, कि आप कहां से कहां पहुंच गए हैं.

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अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पीएम मोदी का पुराना वीडिया सुर्खियों में

नई दिल्ली:

मानसून सत्र के शुरू होने से लेकर अब तक विपक्ष मणिपुर हिंसा को लेकर सदन में हंगामा कर रहा है. इस दौरान सरकार ने इस मुद्दे पर चर्चा करने की भी बात कही लेकिन विपक्ष उसपर भी तैयार नहीं होता दिख रहा है. बुधवार को विपक्ष मणिपुर को लेकर लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है.

इस अविश्वास प्रस्ताव को सदन में पेश किए जाने के बाद इसे स्पीकर की भी मंजूरी मिल चुकी है. खास बात ये है कि इस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पीएम मोदी का 2019 में सदन में दिए भाषण का एक वीडियो अब वायरल हो रहा है. इस वीडियो में पीएम मोदी 2019 में ये कहते सुने जा सकते हैं कि विपक्ष 2023 में भी एक अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगा. 

यह वीडियो 7 फरवरी 2019 का है. बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के भाषण पर बहस के दौरान, प्रधानमंत्री को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि विपक्ष को 2023 में एक और अविश्वास प्रस्ताव के लिए तैयार रहना चाहिए. वह इस वीडियो में अपनी सरकार द्वारा एक साल पहले इस तरह के प्रस्ताव को हराने का जिक्र भी कर रहे थे.

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पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा, "मैं अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं... इतनी तैयारी करें कि आपको 2023 में फिर से अविश्वास लाने का मौका मिले."इस वीडियो में पीएम मोदी कह रहे हैं कि यह समर्पण भाव (सेवा) है कि दो (सांसदों) से हम यहां (सत्ता में) बैठे हैं. और अहंकार (अहंकार) का परिणाम यह है कि आप 400 से घटकर 40 पर आ गए हैं. देखो आप आज कहां हैं. उन्होंने बगैर नाम लिए कांग्रेस पर भी तंज कसा था. 

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गौरतलब है कि बुधवार को मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में गतिरोध के बीच कांग्रेस के गौरव गोगोई ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसे लोकसभा में मंजूर भी कर लिया गया. स्पीकर ने कहा है कि इस पर सबसे बात करके समय तय करेंगे. दरअसल, मणिपुर को लेकर आज पांचवें दिन भी संसद में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है.  विपक्ष नियम 267 के तहत चर्चा की मांग पर अड़ा हुआ है. आज राज्यसभा के सभापति ने विपक्ष के सभी नोटिस खारिज करते हुए कहा कि नियम 176 के तहत चर्चा का प्रस्ताव पहले ही वो मंज़ूर कर चुके हैं. विपक्ष के भारी हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए रोकनी भी पड़ी.

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