पीएम मोदी का पहला पॉडकास्ट इंटरव्यू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पॉडकास्ट डेब्यू किया है. उन्होंने जेरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर निखिल कामत को पॉडकास्ट इंटरव्यू दिया. मोदी ने निखिल कामथ के साथ उनके यूट्यूब चैनल People by WTF पर बात की है. इस दौरान प्रधानमंत्री ने दुनिया में फैली अंशाति, रूस-यूक्रेन और फिलिस्तीन-इजराइल के बीच चल रही जंग. अपने बचपन, राजनीतिक जीवन, विचारधारा और आदर्शवाद के महत्व और राजनीति में युवाओं की भागीदारी पर भी बात की. इस दौरान मोदी ने राजनीति का मतलब समझाया है. राजनीति का मतलब चुनाव नहीं है. राजनीति का मतलब हार जीत नहीं है. राजनीति का मतलब लोगों की सेवा है.
- PM मोदी ने कहा, "यह मेरा पहला पॉडकास्ट है. मुझे नहीं पता कि यह आपके दर्शकों को कैसा लगेगा." मोदी कहते हैं, "मुझे उम्मीद है कि आप सभी इसका उतना ही आनंद लेंगे, जितना हमें आपके लिए इसे बनाने में आया."
- मोदी ने कहा, "जब मैं मुख्यमंत्री बना, तो मैंने एक भाषण दिया जिसमें मैंने कहा कि मैं कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटूंगा. मैं अपने लिए कुछ नहीं करूंगा. मैं इंसान हूं, जो गलतियां कर सकता हूं, लेकिन काम करता रहूंगा. कभी भी कुछ भी बुरे इरादे से नहीं करूंगा... यह मेरे जीवन का मंत्र है."
- अपने पहले पॉडकास्ट इंटरव्यू में PM मोदी गुजरात में फरवरी 2002 में हुए गोधरा दंगे पर खुलकर बात की है. उन्होंने कहा, " मुझे विधायक बने 3 दिन भी नहीं हुए थे. इस बीच गोधरा में दंगे हो गए. दंगे की खबर मिलते ही मैंने गोधरा जाने का फैसला किया. मैंने अपनी आंखों से गोधरा की सच्चाई देखी.
- निखिल कामथ प्रधानमंत्री के रूप में पहले और दूसरे टर्म में फर्क को लेकर PM से सवाल करते हैं. इसके जवाब में PM ने कहा- "पहली टर्म में तो लोग मुझे भी समझने की कोशिश करते थे. मैं भी दिल्ली को समझने की कोशिश कर रहा था. अब लोग भी मुझे समझ गए हैं और मैं भी उन्हें समझ गया हूं."
- PM मोदी ने अपने पॉडकास्ट में राजनीति का असली मतलब समझाया है. मोदी कहते हैं, "लेना, पाना और बनना ये मकसद है, तो उसकी उम्र लंबी नहीं है. राजनीति में पहली ट्रेनिंग है खुद को खपा देने की. राजनीति में मैं या मेरा नहीं होता है. यहां पर नेशन फर्स्ट होता है. यह बहुत बड़ा फर्क है. समाज भी नेशन फर्स्ट वाले व्यक्ति को भी स्वीकार करता है."
- PM आगे कहते हैं, "राजनीति का मतलब चुनाव नहीं है. राजनीति का मतलब हार जीत नहीं है. राजनीति का मतलब लोगों की सेवा है. राजनीति में सब लोगों की जरूरत है. लोगों के जीवन में बदलाव की जरूरत है. अगर आप पॉलिसी मेकर हैं, तो आप लोगों के जीवन में बदलाव ला सकते हैं. आप नीतियां बना जा सके हैं. नीतियों को लागू करके स्थितियां बदल सकते हैं. अगर आप सही दिशा में हैं और नेक इरादे से करते हैं, तो आपको परिणाम नजर आते हैं."
- PM मोदी ने मानवीय मूल्यों पर भी बात की. उन्होंने कहा, "जब मुख्यमंत्री बना, तो मेरा एक भाषण था. उस समय मैंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि मुझसे गलतियां होती हैं. मैं भी इंसान हूं. मैं कोई देवता नहीं हूं." उन्होंने कहा, "हम सब गलती करते हैं. लेकिन इंसानों को अपनी गलती से सीखना चाहिए. सबक लेना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए."
- प्रधानमंत्री ने कहा, "जरूरी नहीं है कि नेता लच्छेदार भाषण देने वाला ही होना चाहिए. यह कुछ दिन चल जाता है. तालियां बज जाती हैं. लेकिन आखिरकार जीवटता काम करती है. भाषण कला से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है संवाद कला."
- पॉडकास्ट इंटरव्यू में PM मोदी ने अपने स्कूली दिनों को भी याद किया है. उन्होंने बताया कि वह बचपन में एक सामान्य छात्र थे. पढ़ाई में सामान्य ही थे. उनमें ऐसा कुछ भी नहीं था कि कोई उन्हें नोटिस करता. मोदी कहते हैं, "बेशक मैं एक सामान्य लड़का था, लेकिन टीचर मुझे बहुत प्यार करते थे. मैं पढ़ाई में नॉर्मल था. अगर ज्यादा पढ़ना है. उसमें कॉम्पिटिशन एलिमेंट है, तो मैं इससे दूर भागता था."
- PM मोदी ने इस दौरान नाकामयाबी पर एक किस्सा सुनाया. मोदी ने कहा, "मैंने सैनिक स्कूल के बारे में जानकारी पैसे खर्च कर मंगवाई. अंग्रेजी भाषा में मिली उस जानकारी को लेकर मैं गांव के एक व्यक्ति के पास पहुंचा. उन्होंने स्कूल के बारे में विस्तृत जानकारी दी. तब से ही मेरे मन में सैनिक स्कूल बैठ गया. उस समय मैंने खुद को पहली बार नाकामयाब महसूस किया." उन्होंने कहा कि जीवन में नाकामयाबी आती है. यह जीवन का हिस्सा है.
Advertisement
Advertisement
Advertisement