- प्रधानमंत्री मोदी ने HT समिट में कहा कि दुनिया जब मंदी की बात करती है, तब भारत ग्रोथ की कहानी लिख रहा है
- वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 8.2% रही है जो पिछली छह तिमाहियों में सबसे अधिक है
- विशेषज्ञों को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही में भी ग्रोथ 8 प्रतिशत से ऊपर बनी रहेगी
दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं जब आशंकाओं के भंवर में गोते लगा रही हैं, भारत असाधारण ग्रोथ की कहानी लिख रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आर्थिक रूप से मजबूत होते देश की तस्वीर दिखाई. भारत की तूफानी जीडीपी ग्रोथ का जिक्र करते हुए एचटी समिट में उन्होंने कहा कि देश में हो रहा परिवर्तन अब केवल संभावनाओं की बात नहीं, बल्कि यह बदलते हुए जीवन, बदलती हुई सोच और बदलती हुई दिशा की सच्ची गाथा है. उनकी इस बात की गवाही आंकड़े भी दे रहे हैं. आइए बताते हैं कैसे.
PM मोदी ने HT समिट में क्या कहा?
पहले जानिए, पीएम मोदी ने एचटी समिट में क्या कहा. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब दुनिया मंदी की बात करती है, तब भारत असाधारण ग्रोथ की कहानी लिख रहा है. उन्होंने 8 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का हवाला देते हुए कहा कि भारत आज दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाली इकोनमी है. कोई भारत को ग्लोबल ग्रोथ इंजन बताता है तो कोई ग्लोबल पावर हाउस कहता है. लेकिन क्या कोई इसे हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कह रहा है? हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कब कहा गया, जब भारत 2-3 प्रतिशत की ग्रोथ के लिए तरस गया था. उन्होंने कहा कि अब भारत का आत्मविश्वास ही उसे इस अनिश्चित दौर में वैश्विक मंच पर एक मजबूत और विश्वसनीय स्तंभ बना रहा है.
दूसरी तिमाही में 8.2% की बंपर ग्रोथ
पीएम मोदी के इस बयान पर 29 नवंबर को आए दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) आंकड़े मजबूत मुहर लगाते हैं. इस भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी आंकड़े तोड़ दिए हैं. वित्त वर्ष 2025-26 की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 8.2% दर्ज की गई है, जो पिछली 6 तिमाहियों में सबसे अधिक है. इसने एक बार फिर से भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनमी बना दिया है.
दिग्गज देश भारत के आसपास भी नहीं
पिछले वित्तीय वर्ष की इसी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में विकास दर 5.6% थी, जिसके मुकाबले 8.2% की यह तेजी भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत वापसी का स्पष्ट संकेत है. गौर करने की बात ये है कि बड़े-बड़े देशों की विकास दर भारत के आसपास भी नहीं है.
| देश | विकास दर (जुलाई-सितंबर) |
| भारत | 8.2% |
| इंडोनेशिया | 5.0% |
| चीन | 4.8% |
| ब्रिटेन | 1.3% |
| जापान | 1.1% |
| फ्रांस | 0.9% |
| जर्मनी | 0.3% |
| मेक्सिको | -0.1% |
सालाना ग्रोथ 8% से अधिक रहने की उम्मीद
इससे पहले, साल 2025 की पहली तिमाही में भी भारतीय इकोनॉमी 7.8% की रफ्तार से बढ़ी थी. आर्थिक जानकारों को पूरी उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही में भी विकास दर 8.2% के आसपास रहेगी. इस तरह भारत के लिए लगातार दूसरे साल 8% से ऊपर की ग्रोथ रेट हासिल करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं.
रेटिंग एजेंसी को भी भारत पर भरोसा
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को वित्त वर्ष 26 के लिए बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 6.9 प्रतिशत था. एजेंसी का कहना है कि भारत में बढ़ता निजी उपभोग देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार दे रहा है. हाल में हुए जीएसटी सुधारों, इनकम बढ़ने और पॉजिटिव सेंटिमेंट्स से सपोर्ट मिल रहा है. फिच ने ये भी कहा कि भारतीय इकोनमी ने यह मजबूत ग्रोथ ऐसे समय हासिल की है, जब अमेरिका ने भारतीय एक्सपोर्ट पर करीब 35 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है.
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