मणिपुर के मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, पीयूष गोयल और मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी नोकझोंक

पीयूष गोयल ने खरगे की टिप्पणी पर आपत्ति जताई और विपक्ष पर सदन को बाधित करने और ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा नहीं होने देने का आरोप लगाया.

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नई दिल्ली:

राज्यसभा में मंगलवार को सदन के नेता पीयूष गोयल और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के बीच  तीखी नोकझोंक हुई. खड़गे ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सदन उपस्थिति की मांग की वहीं गोयल ने कहा कि विपक्ष शासित राज्यों में महिलाओं पर अत्याचार पर भी सदन में चर्चा की जाएगी.  दोपहर में सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष ने प्रश्नकाल की शुरुआत से ही हंगामा शुरू कर दिया, कांग्रेस और अन्य समान विचारधारा वाले दलों के सदस्यों ने "मणिपुर, मणिपुर" के नारे लगाए. खरगे ने कहा कि 50 से अधिक सदस्यों ने नियम 267 के तहत मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है, लेकिन सरकार तैयार नहीं है. 

"गृह मंत्री  'दूध का दूध और पानी का पानी' करेंगे" :पीयूष गोयल

गोयल ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में महिलाओं पर अत्याचार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, "गृह मंत्री इसके लिए तैयार हैं... वह 'दूध का दूध और पानी का पानी' करेंगे."

खड़गे ने सदन में पीएम मोदी की अनुपस्थिति पर उठाया सवाल

खड़गे ने सदन में पीएम मोदी की अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, "जब इतने सारे लोग इस बारे में बात करना चाहते हैं, तो वे बात करने के लिए तैयार क्यों नहीं हैं? मोदी साहब यहां आकर स्थिति क्यों नहीं समझाते? बाहर वह ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में बात करते हैं, लेकिन वह सदन में मणिपुर के बारे में बात करने के लिए तैयार नहीं हैं."

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"हम चर्चा के लिए तैयार हैं..."

गोयल ने खरगे की टिप्पणी पर आपत्ति जताई और विपक्ष पर सदन को बाधित करने और ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा नहीं होने देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "यह निरर्थक है और हम चर्चा के लिए तैयार हैं... हम इस पर स्वस्थ बहस और चर्चा चाहते हैं." उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों को उजागर करना चाहते हैं. हम मणिपुर, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जो हो रहा है उसे उजागर करना चाहते हैं. हम देश में जो हो रहा है उससे चिंतित हैं. हम चाहते हैं कि राज्य सरकारें जवाबदेह बनें.

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विपक्ष की टिप्पणियों को "निरर्थक" बताते हुए गोयल ने कहा कि अगर उनके पास कुछ बिंदु होते तो वे चर्चा शुरू कर देते.  उन्होंने कहा, "यदि आप (मामले को लेकर) संवेदनशील होते तो आप इस मामले पर चर्चा कर रहे होते. आप पिछले चार दिनों से सदन को बाधित कर रहे हैं.  आप इस देश के युवाओं का भविष्य खराब कर रहे हैं. " इसके बाद दोनों तरफ से हंगामा होने लगा और सदन के सभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

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