प्रमुख एयरलाइन का पायलट ड्रग टेस्ट में फेल, डीजीसीए ने उड़ान ड्यूटी से हटाया

डीजीसीए ने उल्लेख किया है कि दुनिया भर में नशीले पदार्थों के इस्तेमाल का प्रसार, उनकी सामान्य उपलब्धता और उपयोगकर्ताओं की बढ़ती संख्या विमानन सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है.

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नई दिल्ली:

एक प्रमुख एयरलाइन के पायलट को ड्रग परीक्षण में फेल होने के बाद उड़ान ड्यूटी से हटा दिया गया है. नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. नशीले पदार्थों के सेवन के लिए 31 जनवरी से विमानन कर्मियों की जांच की प्रक्रिया लागू होने के बाद से वह ड्रग परीक्षण में विफल होने वाला चौथा पायलट है. उड़ान चालक दल और एटीसी के लिए औचक आधार पर परीक्षण किया जाता है.

अब तक, चार पायलट और एक वायु यातायात नियंत्रक (एटीसी) नशीले पदार्थों के लिए परीक्षण में असफल हुए हैं. अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रमुख एयरलाइन के एक पायलट का ड्रग परीक्षण किया गया. अधिकारी ने कहा कि 23 अगस्त को परीक्षण रिपोर्ट में नशीले पदार्थ के सेवन की पुष्टि हुई और उन्हें उड़ान ड्यूटी से हटा दिया गया है.

नागर विमानन नियमों (सीएआर) के अनुसार, परीक्षण में नशीले पदार्थों के सेवन की पुष्टि होने पर संबंधित कर्मियों को नशामुक्ति और पुनर्वास के लिए संबंधित संगठन द्वारा नशामुक्ति केंद्र में भेजा जाएगा. यदि किसी कर्मी में दूसरी बार नशीले पदार्थों के सेवन की पुष्टि होती है तो उसका लाइसेंस तीन साल की अवधि के लिए निलंबित कर दिया जाएगा. तीसरी बार ऐसा मामला आने पर कर्मियों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.

सीएआर में डीजीसीए ने उल्लेख किया है कि दुनिया भर में नशीले पदार्थों के इस्तेमाल का प्रसार, उनकी सामान्य उपलब्धता और उपयोगकर्ताओं की बढ़ती संख्या विमानन सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है. सीएआर में कहा गया, ‘‘नशीले पदार्थों के इस्तेमाल से व्यवहारिक, संज्ञानात्मक और शारीरिक परिवर्तन होते हैं. यह निर्भरता, प्रमुख स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों और कार्य प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव में प्रकट होता है.''

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