Petrol, Diesel Prices Today: लगातार नौवें दिन बढ़ोतरी से राहत, नहीं बदले पेट्रोल-डीजल के दाम, ये हैं रेट

Petrol Diesel Prices Today: लगातार नौ दिनों से पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि, फिर भी आपको बता दें कि देश में रिटेल फ्यूल प्राइस के दाम अपने रिकॉर्ड स्तर पर हैं. आखिरी बदलाव 27 फरवरी को किया गया था.

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Petrol Diesel Prices: लगातार नौवें दिन पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं.
नई दिल्ली:

Petrol-Diesel Prices : देश में लगातार नौ दिनों से पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. सोमवार यानी 8 मार्च, 2021 को पेट्रोल-डीजल के दामों में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कोई बदलाव नहीं किया है. हालांकि, फिर भी आपको बता दें कि देश में रिटेल फ्यूल प्राइस के दाम अपने रिकॉर्ड स्तर पर हैं. आखिरी बदलाव 27 फरवरी को किया गया था, जब पेट्रोल के दाम 23-24 पैसे और डीजल के दाम 15-16 पैसे बढ़ाए गए थे.

फिलहाल, दिल्ली में पेट्रोल का भाव 91.17 रुपये प्रति लीटर और डीजल 81.47 रुपये लीटर बिक रहा है. मुंबई में पेट्रोल 97.57 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.60 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. देश के शीर्ष प्रमुख चार महानगरों- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई- में सबसे महंगा पेट्रोल मुंबई में है. कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 91.35 रुपये प्रति लीटर और डीजल 84.35 रुपये प्रति लीटर चल रहा है. चेन्नई में पेट्रोल 93.11 रुपये लीटर जबकि डीजल 86.45 रुपये प्रति लीटर पर है.

फ्यूल प्राइस पर वित्त मंत्री क्या बोलीं? 

शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वीकार किया कि पेट्रोल और डीजल के ऊंचे दाम उपभोक्ताओं का बोझ बढ़ा रहे हैं और उपभोक्ताओं को पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों से राहत मिलनी चाहिए, हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र और राज्य दोनों के स्तर पर करों में कटौती करनी होगी. 

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पेट्रोल की खुदरा कीमत में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्रीय और राज्य करों की है. डीजल के मामले में यह 56 प्रतिशत तक है. राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया है जबकि देश में अन्य स्थानों पर भी इनके दाम अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर चल रहे हैं.

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बता दें कि पिछले हफ्ते एक एनालिसिस रिपोर्ट में SBI इकोनॉमिस्ट ने कहा था कि पेट्रोल को अगर माल व सेवाकर (GST) के दायरे में लाया जाता है तो इसका खुदरा भाव इस समय भी कम होकर 75 रुपये प्रति लीटर तक आ सकता है और डीजल का दाम भी कम होकर 68 रुपये लीटर पर आ सकता है. इसमें बताया गया था कि केंद्र और राज्य स्तरीय करों और टैक्स-ऑन-टैक्स के चलते भारत में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम दुनिया में सबसे उच्चस्तर पर बने हुए हैं. ऐसा होने से केद्र और राज्य सरकारों को केवल एक लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा जो कि जीडीपी का 0.4 प्रतिशत है. 

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(भाषा से इनपुट के साथ)

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