कुंभ में बिछड़े अब AI से मिलेंगे, महाकुंभ में ये नंबर मत भूलना

इंडिया को डिजिटल करना पीएम मोदी का सपना है और इसका असर अब महाकुंभ में भी नजर आ रहा है. इस वजह से अब खोया-पाया केंद्र में भी इसका असर नजर आ रहा है. महाकुंभ में जो खोया-पासा बनाया गया है, वो भी कंप्यूटराइज है

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
प्रयागराज:

कुंभ में बिछड़ने वाले कभी नहीं मिल पाते... ऐसा तो हमने कई बॉलीवुड फिल्मों में भी देखा है. या तो वो मिल नहीं पाते और या फिर कई सालों बाद मिल पाते हैं लेकिन कुंभ 2025 में ऐसा नहीं होगा क्योंकि लोगों को ढूंढने के लिए अब एआई का इस्तेमाल किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक महाकुंभ 2025 में कंप्यूटराइज खोया-पाया केंद्र बनाया गया है, जहां लोग मदद के लिए तो जा ही सकते हैं लेकिन अगर कोई खो गया है तो उसकी भी रिपोर्ट करा सकते हैं. इसके साथ ही 1920 हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया गया है.

बता दें कि महाकुंभ 2025 में 13 जनवरी से शुरू होने जा रहा है और ऐसे में श्रद्धालुओं के बीच इसे लेकर खासा उत्साह है. इतना ही नहीं प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ को लेकर तैयारियां भी जोरों पर चल रही हैं और नियमित रूप से तैयारियों का जायजा भी लिया जा रहा है. हालांकि, 2025 में होने जा रहे महाकुंभ का एक अहम पहलु ये भी है कि बदलते वक्त और डिजिटलाइजेशन का असर इस पर भी होता हुआ नजर आ रहा है और इस वजह से महाकुंभ में खोने वाले लोगों को अब एआई यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से खोजा जाएगा. 

कंप्यूटराइज खोया-पाया केंद्र

दरअसल, इंडिया को डिजिटल करना पीएम मोदी का सपना है और इसका असर अब महाकुंभ में भी नजर आ रहा है. इस वजह से अब खोया-पाया केंद्र में भी इसका असर नजर आ रहा है. महाकुंभ में जो खोया-पासा बनाया गया है, वो भी कंप्यूटराइज है. इसके साथ ही 1920 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. यह हेल्पलाइन नंबर मुख्य रूप से खोया-पाया केंद्र के लिए ही जारी किया गया है. लेकिन असल में इस तरह से कंप्यूटराइज खोया-पाया केंद्र बनाए जानें का क्या उद्देश्य है? 

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इस वजह से खोया-पाया केंद्र का किया गया डिजिटलाइजेशन

इस बारे में बात करते हुए मेजिस्ट्रेट ज्ञानप्रकाश ने बताया, 'इस बार हम खोया-पाया केंद्र को डिजिटली लेकर आए हैं और इसका मतलब है कि कुछ चीजों को कंप्यूटराइज किया जाएगा. इसके जरिए लोगों की फोटो खींचना, उनका डेटा एकत्रित करना और फिर डेटा का क्रियान्वयन करना आदि शामिल है'. इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि इसमें एआई का क्या योगदान होगा तो उन्होंने कहा, 'एआई में नई टेक्नोलॉजी आई है. जिसमें आप शब्दों के जरिए जो भी डेटा देते हैं, डिस्क्रिप्शन देते हैं, उसके जरिए नया डेटा बनता है. जैसे पुलिस विभाग पहले स्केचिंग किया करती थी उसी तरह से एआई का इस्तेमाल करके स्केचिंग के माध्यम से हम लोगों का पता करेंगे.'

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महाकुंभ में मनोवैज्ञानिक भी होंगे... 

जब पूछा गया कि इस साल मनोवैज्ञानिक भी महाकुंभ में होंगे तो इसके बारे में जानकारी देते हुए ज्ञानप्रकाश ने बताया, परामर्श केंद्र बनाया गया है. यहां पर जाकर बच्चे या फिर लोग अपनी परेशानी के बारे में बता सकते हैं. अगर उन्हें घबराहट हो रही है या फिर मानसिक रूप से परेशानी हो रही है तो इसके लिए वहां पर डॉक्टर्स और मनोवैज्ञानिक बैठे रहेंगे. 

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महाकुंभ में होंगे 10 खोया-पाया केंद्र

महाकुंभ में कुल 10 कंप्यूटराइज खोया-पाया केंद्र बनाए गए हैं. इसमें से एक मेन सेंटर है. यहां पर संचालन भी होगा और केंद्रियकरण भी होगा. साथ में एमआईएस सर्वर रूम भी बनाया गया है, जहां सारा डेटा एकत्रित होगा. साथ ही 1920 हेल्पलाइन पर कॉल करके अगर कोई खो गया है तो वो इसकी जानकारी दे पाएंगे.

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