'AFSPA बैन करो, हमारी आवाज़ नहीं' : नागालैंड में 14 नागरिकों की मौत पर कोहिमा में भारी विरोध प्रदर्शन

नगा स्‍टूडेंट फेडरेशन (NSF) ने शहर में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया जिसमें हजारों की संख्‍या में लोग, मारे गए आम नागरिकों को न्‍याय दिलाने और विवादास्‍पद AFSPA (आर्म्‍ड फोर्स स्‍पेशन पावर्स एक्‍ट)  को रद्द  करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
कोहिमा की रैली में बड़ी संख्‍या में लोग शामिल हुए
कोहिमा:

सेना के उग्रवाद विरोधी अभियान के दौरान नगालैंड के Mon जिले में 14 नागरिकों की मौत को लेकर पूरे राज्‍य में चल रहे  विरोध, अब राजधानी कोहिमा तक पहुंच गए हैं. नगा स्‍टूडेंट फेडरेशन (NSF) ने आज शहर में एक विशाल विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया जिसमें हजारों की संख्‍या में लोग, मारे गए आम नागरिकों को न्‍याय दिलाने और विवादास्‍पद AFSPA (आर्म्‍ड फोर्स स्‍पेशन पावर्स एक्‍ट)  को रद्द  करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे. गौरतलब है कि सुरक्षा बलों की गोलीबारी की कुछ घटनाओं में चार और पांच दिसंबर को मोन जिले में कुल 14 आम नागरिक मारे गए थे. गोलीबारी की पहली घटना का कारण ‘‘गलत पहचान'' को बताया गया था.प्रदर्शनकारियों ने बैनर और तख्तियां ले रखीं थी जिस पर , 'AFSPA को रद्द करने से पहले कितनी बार गोली चलाई जानी चाहिए ' और 'AFSPA को बैन करो, हमारी आवाज नहीं ' जैसे नारे लिखे हुए थे. 

प्रदर्शनकारियों ने बैनर और तख्तियां थाम रखी थीं

शुक्रवार की रैली, प्रदर्शन का लगातार तीसरा दिन होने के कारण ही अहम नहीं थी बल्कि यह इस बात का भी संकेत था कि मामले को लेकर नगा लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है. इससे पहले, जनजातीय इकाइयों की ओर से पांच जिलों में आहूत बंद के चलते गुरुवार को भीनगालैंड के विभिन्न हिस्सों में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा था. राज्‍यभर में चल रहे प्रदर्शनों में फायरिंग में शामिल सैनिकों की तत्‍काल गिरफ्तारी की भी मांग प्रदर्शनकारियों की ओर से की जा रही है.शीर्ष जनजाति इकाई ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ENPO) के सदस्यों ने तुएनसांग, लोंगलेंग, किफिर और नोकलाक जिलों में जबकि कोन्याक यूनियन के सदस्यों ने मोन जिले में प्रदर्शन किया था. इस दौरान सरकारी और निजी कार्यालय तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और वाहनों का यातायात ठप रहा.

सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 लोगों के मारे जाने को लेकर नगालैंड में प्रदर्शन हो रहे हैं

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि सेना को मोन जिले में उग्रवादियों की गतिविधियों की सूचना मिली थी जिसके बाद ‘21 पैरा कमांडो' की इकाई ने कार्रवाई की थी. उन्होंने आम नागरिकों की मृत्यु पर दुख जताते हुए कहा था कि सुरक्षा बलों ने आत्म रक्षा में गोलियां चलाई थीं. इस बीच, जनजातीय इकाइयों ने घटना में न्याय मिलने तक प्रदर्शन तेज करने की चेतावनी भी दी है. कोन्याक यूनियन ने केन्द्रीय गृह मंत्री के संसद में दिए गए बयान को लेकर उनसे माफी की मांग की है जिसमें शाह ने कहा था कि सुरक्षा बलों ने आत्म रक्षा में गोलियां चलाईं थी.(भाषा से भी इनपुट)

Advertisement
Featured Video Of The Day
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में बागियों ने बढ़ाई टेंशन! किसने कितने बागी मनाए? | Election 2024
Topics mentioned in this article