कश्मीर में भारी बर्फबारी (Heavy Snowfall in Kashmir) के कारण सड़क एवं हवाई संपर्क टूट गया है और जनजीवन ठप हो गया है. वहीं सड़क से बर्फ न हटाने को लेकर केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासन को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. पिछले एक हफ्ते से जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी के कारण मरीजों को ले जाने वाली एंबुलेंस अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रही हैं. इस कारण मरीजों को अस्पताल तक ले जाने के लिए लोग मीलों पैदल चल रहे हैं.
लोगों की मौत के बाद कब्रिस्तान तक जाने के लिए भी ऐसी दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं. कश्मीर के आम बाशिंदों का कहना है कि सेना और वायुसेना के कर्मी तो बर्फबारी के दौरान मदद में आगे आ रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन के लोग कहीं नहीं दिखाई दे रहे हैं. परेशान लोगों ने बर्फ हटाने (Shoveling Snow from Road) की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है. एंबुलेंस न आने पाने के कारण तीमारदार खुद मरीजों को पैदल ही अस्पतालों तक ले जा रहे हैं.
शोपियां में एक शख्स ने NDTV से कहा, युवा और बुजुर्ग दोनों ही बर्फ को सड़क से साफ करने के काम में लगे हैं. हम हाथों से ही ये काम कर रहे हैं. सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है. बर्फबारी के कारण गांव के लोग एक मृत व्यक्ति का शव 10 मील दूर तक पैदल ही लेकर कब्रिस्तान गए. यह एक जगह की परेशानी नहीं है. श्रीनगर के अलूची बाग के पास में परमिंदर सिंह खुद सड़क से बर्फ हटाते दिखे, क्योंकि उन्हें अपने पिता को डायलिसिस के लिए जाना था. परमिंदर का कहना है कि नगर निकाय प्रशासन से कोई भी मदद के लिए नहीं. पिछले आठ दिनों से हम उन्हें डायलिसिस के लिए नहीं ले जा पाए और इस वजह से खुद ये जिम्मेदारी उठानी पड़ी.