Pegasus स्पाईवेयर के जरिए दुनियाभर में कई क्षेत्रों के बड़े नामों के खिलाफ जासूसी (Pegasus Snooping) करने की खबरों के बाद साइबर सुरक्षा को लेकर बहस और तेज हो गई है. Guardian और Washington Post की खबरों पर बहस हो रही है और एक बार फिर उन बड़ी कंपनियों और मानवाधिकारों की सुरक्षा के समर्थकों ने अपनी बातें दोहराई हैं. इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप Whatsapp के सीईओ Will Cathcart ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट कर फिर से इसके खिलाफ आवाज उठाई है. उन्होंने इसे 'साइबर सिक्योरिटी के लिए वेक अप कॉल' बताया है.
उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि इन मीडिया रिपोर्ट्स से वही बातें सामने आई हैं, जो वो और दूसरी कई कंपनियां सालों से कहती रही हैं. उन्होंने पेगासस स्पाईवेयर को बनाने वाली इजरायल की सुरक्षा संस्था NSO पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने लिखा, '@Guardian और @WashingtonPost की रिपोर्ट्स सहित और भी कई दूसरी रिपोर्ट्स वही कह रही हैं, जो हम और दूसरे सालों से कहते आ रहे हैं: NSO के इस खतरनाक स्पाइवेयर का इस्तेमाल दुनियाभर में मानवाधिकारों के खिलाफ भयानक अपराध करने के लिए किया जाता है और इसे रोका जाना चाहिए.'
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उन्होंने आगे लिखा, 'यह इंटरनेट की दुनिया में सुरक्षा के लिहाज से वेकअप कॉल है. अरबों लोगों के लिए उनका मोबाइल फोन ही प्राइमरी कंप्यूटर है. सरकारों और कंपनियों को उन्हें सुरक्षित करने के लिए जो बन पड़े, करना चाहिए. हमारी सुरक्षा और आजादी इस बात पर निर्भर करती है.'
उन्होंने बताया कि 2019 में व्हॉट्सऐप को NSO के एक हमले का पता चला था और कंपनी ने इससे मुकाबला किया था. यह स्पाईवेयर मोबाइल की OSEs में कुछ अननोन वल्नरेबिलिटी ढूंढता है, कंपनी इसके खिलाफ तबसे आवाज उठा रही है, जबसे उसे इसका पता चला है.
इस स्पाईवेयर की आलोचना पहले भी होती रही है, लेकिन NSO इसे लेकर लगातार एक्टिव रहा है. Cathcart ने माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और सिस्को जैसी कंपनियों को धन्यवाद दिया कि उन्होंने इजरायल की इस संस्था के खिलाफ आवाज उठाई है.
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उन्होंने एन्क्रिप्शन को लेकर भी कहा कि ऐसा नहीं होता है कि कोई एन्क्रिप्शन बैकडोर रखा जाए, जिसका इस्तेमाल बस 'good guys' करें क्योंकि अगर बैकडोर रखा जाएगा तो इसका गलत इस्तेमाल होगा ही होगा. वही, इस सिक्योरिटी मेथड में बैकडोर रखना हैकरों, अपराधियों, स्पाईवेयर कंपनियों और तानाशाही सरकारों के लिए गिफ्ट जैसा होगा. इससे लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ेगी.