असम-मेघालय सीमा पर एक गांव में मंगलवार तड़के हुई हिंसक झड़पों के बाद स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन शांति कायम है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि हिंसक झड़पों में छह व्यक्तियों की मौत के बाद इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. महिला अधिकारी ने कहा कि संघर्ष स्थल और आसपास के इलाकों में दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 के तहत प्रतिबंध भी लगाया गया है.
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, “स्थिति शांतिपूर्ण है और जब तक माहौल पूरी तरह से सामान्य नहीं हो जाता तब तक सुरक्षाकर्मियों को वहां तैनात रखा जाएगा. हमारे मजिस्ट्रेट रोजाना घटनास्थल का दौरा कर रहे हैं.''
इस बीच, मेघालय सरकार ने राज्य के पूर्वी हिस्से में कम से कम सात खासी-जैंतिया हिल्स जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर शनिवार तक के लिए रोक लगा दी है.
गृह विभाग के सचिव सीवीडी डेंगदोह ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘शांति भंग करने के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं को 48 घंटे के लिए बंद किया जाता है.''
मंगलवार को हिंसा भड़कने के कुछ घंटों के बाद ही सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं.
असम-मेघालय सीमा के साथ पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में एक विवादित स्थान पर मंगलवार तड़के हुई हिंसा में एक वन रक्षक सहित छह लोगों की मौत हो गई थी. झड़प उस समय हुई जब अवैध रूप से काटी गई लकड़ियों से लदे एक ट्रक को असम के वनकर्मियों द्वारा रोका गया था. घटना के बाद यात्री कारों पर सिलसिलेवार हमलों के बाद असम सरकार ने वाहनों को मेघालय ले जाने से रोक दिया है.
असम से मेघालय के विभिन्न प्रवेश बिंदुओं पर पुलिसकर्मियों ने बैरिकेड्स लगा दिए हैं और लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वे असम की नंबर प्लेट वाले वाहनों में मेघालय न जाएं.
गुवाहाटी पुलिस के उपायुक्त (पूर्व) सुधाकर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, “हम लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे असम से पंजीकृत कार में मेघालय की यात्रा न करें. अगर (यात्रा करना) नितांत जरूरी है तो उन्हें सीमा के प्रवेश बिंदुओं से मेघालय की टैक्सी किराये पर लेनी चाहिए.'' हालांकि, उन्होंने कहा कि ट्रक और टैंकर जैसे वाणिज्यिक वाहनों पर इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है.
यह पूछे जाने पर कि पाबंदियां कब तक जारी रहेंगी, सिंह ने कहा, ‘‘मैं तत्काल यह नहीं बता सकता, यह सब स्थिति पर निर्भर करता है.'' अधिकारी ने कहा कि इस बीच, असम सरकार ने बृहस्पतिवार को वनरक्षक का शव पोस्टमार्टम के बाद उसके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया.
पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में मेघालय के अधिकारियों ने बुधवार रात को मृत वन रक्षाकर्मी का शव असम के अधिकारियों को सौंप दिया गया. उसकी पहचान बिद्यासिंग लेखटे के रूप में हुई है.
मेघालय में कम से कम पांच सामाजिक संगठनों ने बृहस्पतिवार को मुकरोह गांव में हुई घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए दो-दिवसीय शांतिपूर्ण आंदोलन की घोषणा की.
असम और मेघालय के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी अंतर-राज्यीय सीमा से सटे 12 क्षेत्रों में लंबे समय से विवाद है और जिस स्थान पर हिंसा हुई वह उनमें से एक है.
दोनों राज्यों ने छह क्षेत्रों में विवाद को समाप्त करने की दिशा में इस साल मार्च में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे.
मेघालय को 1972 में असम से अलग किया गया था और तब से इसने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती दे रखी है, जिसके अनुसार दोनों राज्यों के बीच सीमा का सीमांकन किया गया था.