अभिनेता और राजनीतिज्ञ पवन कल्याण ने बृहस्पतिवार को ऐलान किया कि उनकी पार्टी जन सेना का आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के साथ गठबंधन हो गया है. चंद्रबाबू नायडू को इसी सप्ताह दो सप्ताह के लिए राजामुंद्री जेल भेजा गया है. उन पर 371 करोड़ रुपये के एक स्कैम में शामिल होने का आरोप लगा है.
चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश और बहनोई व हिंदूपुर विधायक नंदमुरी बालकृष्ण के साथ पवन कल्याण ने चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी को लेकर आंध्र प्रदेश सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा, "आज मैंने निर्णय लिया है कि जन सेना और तेलुगु देशम आगामी चुनाव में एक साथ जाएंगे. यह हमारी और उनकी पार्टी के राजनीतिक भविष्य के लिए नहीं किया गया है... बल्कि आंध्र प्रदेश के भविष्य के लिए है." इस ऐलान से पहले पवन कल्याण और बालकृष्ण ने आज सुबह जेल में नायडू से मुलाकात की थी. आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि टीडीपी प्रमुख को कम से कम सोमवार तक सलाखों के पीछे रहना होगा.
राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. पवन कल्याण ने मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का जिक्र करते हुए घोषणा की कि वह "वाईएसआरसीपी को अब नहीं झेल सकते." इसके बाद कल्याण ने नायडू की गिरफ्तारी के पीछे "रेड्डी" का इशारा करते हुए उन पर घोटालों में शामिल होने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि इस आदमी की जांच ईडी से लेकर सीबीआई तक कर रही है. उसे देश से बाहर जाने के लिए भी इजाजत लेनी पड़ती है. पवन कल्याण ने नायडू की गिरफ्तारी को विशुद्ध रूप से राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए इसकी निंदा की. उन्होंने कहा, "मुझे वाईएसआरसीपी और जगन के कारण लोकेश और बालकृष्ण के साथ खड़ा होना पड़ा."
रविवार को चंद्रबाबू नायडू को दो हफ्ते की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. उनकी पत्नी द्वारा जेल में सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए चंद्रबाबू को घर की हिरासत देने की याचिका मंगलवार को एक एंटी करप्शन कोर्ट ने खारिज कर दी. बुधवार को आंध्र प्रदेश पुलिस के अपराध जांच विभाग ने दावा किया कि नायडू इस मामले में मुख्य आरोपी हैं. हालांकि, शुरू में उन्हें अभियुक्त संख्या 37 के रूप में रखा गया था. यह मामला राज्य में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) के क्लसटर्स की स्थापना से संबंधित है. इस प्रोजेक्ट का कुल अनुमान 3,300 करोड़ रुपये है, लेकिन इससे कथित तौर पर राज्य को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. सीआईडी का मानना है कि निजी संस्थाओं द्वारा किसी भी खर्च से पहले तत्कालीन सरकार ने 371 करोड़ रुपये का एडवांस पेमेंट किया था.