बिहार में एक और शेल्टर होम की छात्राओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है, जिसके बाद उसके प्रभारी को गिरफ्तार किया गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि गायघाट शेल्टर होम के अधीक्षक को शनिवार को गिरफ्तारी के बाद अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मानवजीत सिंह ढिल्लों ने पीटीआई को बताया, "शारीरिक शोषण की शिकायतों को देखने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. सीआरपीसी की धारा 164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज बयानों में, तीन लड़कियों ने यौन शोषण की शिकायत की है. वहीं कुछ और ने कहा कि उन्हें अक्सर अधीक्षक द्वारा पीटा जाता था.
हालांकि, उन्होंने कहा कि अधिकांश कैदियों ने ऐसे बयान दिए जो "बहुत अस्पष्ट थे और किसी अन्य लोगों की संलिप्तता का बहुत कम संकेत देते थे." एसएसपी ने कहा, "फिर भी, हमारे पास जो भी जानकारी है उसकी मदद से हम गहराई से जांच करने की कोशिश कर रहे हैं."
मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने एक सामाजिक ऑडिट में मुजफ्फरपुर आश्रय होम से इस तरह की घटना पहली बार चर्चा में आयी थी. इसके बाद सीएम नीतीश कुमार को सीबीआई जांच का आदेश देना पड़ा था. वहीं तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने इस्तीफा दे दिया था और तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में इस पर बयान भी दिया था. मामले की सुनवाई अंततः दिल्ली स्थानांतरित कर दी गई और मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई.