विमानन सुरक्षा निगरानी संस्था बीसीएएस ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनमें विमान में सवार होने के बाद उड़ान की रवानगी में लंबा विलंब होने पर यात्रियों को हवाई अड्डे के प्रस्थान द्वार के जरिये बाहर निकलने की अनुमति दी गई है. नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) का नवीनतम निर्देश हवाई अड्डों पर बढ़ती भीड़ और उड़ान में देरी के बढ़ते मामलों की पृष्ठभूमि में आया है. कई बार यात्री विमान में सवार होने के बाद भी लंबे समय तक फंस जाते हैं. बीसीएएस के महानिदेशक जुल्फिकार हसन ने सोमवार को कहा कि नए दिशानिर्देश 30 मार्च को एयरलाइन कंपनियों और हवाई अड्डा संचालकों को जारी किए गए थे और अब ये लागू हो चुके हैं.
उन्होंने कहा कि ये दिशानिर्देश यात्रियों का ‘कम उत्पीड़न' सुनिश्चित करने में मदद करेंगे और उन्हें विमान में सवार होने के बाद लंबे समय तक बैठे नहीं रहना पड़ेगा. उड़ान में लंबी देरी होने और अन्य आपात स्थिति के मामले में यात्रियों को संबंधित हवाई अड्डे के प्रस्थान द्वार से बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी. यात्रियों को विमान से उतारने का निर्णय संबंधित एयरलाइंस और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा लिया जाएगा. हसन ने बीसीएएस के 38वें स्थापना दिवस समारोह में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हवाई अड्डा संचालकों को दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए सुरक्षा जांच सहित बुनियादी ढांचे की व्यवस्था करनी होगी.''
इससे पहले हसन ने समारोह में कहा कि हवाई अड्डों पर भीड़ ‘अवांछनीय' है और बीसीएएस ने इस मुद्दे से निपटने के लिए अभीष्ट मानक और साधन विकसित किए हैं. इस क्रम में हवाई अड्डों पर स्मार्ट सुरक्षा लेन भी स्थापित की जाएगी. देश में घरेलू हवाई यातायात तेजी से बढ़ रहा है और हर दिन लगभग 3,500 उड़ानें संचालित की जाती हैं. बढ़ते हवाई यातायात के बीच हवाई अड्डों पर भीड़ से निपटने के लिए बीसीएएस और अन्य अधिकारियों ने कई कदम उठाए हैं.
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