विमानन सुरक्षा निगरानी संस्था (Aviation security watchdog) बीसीएएस ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो बोर्डिंग के बाद उड़ान के संचालन में लंबी देरी होने की स्थिति में यात्रियों को हवाई अड्डे के डिपार्चर गेट से विमान से बाहर निकलने की अनुमति देगा. नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) का यह निर्देश भीड़भाड़ और उड़ान में देरी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर आया है, जिसके परिणामस्वरूप यात्री लंबे समय तक विमान में चढ़ने के बाद फंसे रहते हैं.
बीसीएएस के महानिदेशक जुल्फिकार हसन ने सोमवार को कहा कि दिशानिर्देश 30 मार्च को एयरलाइंस और हवाईअड्डा संचालकों को जारी किए गए थे और अब लागू हो गए हैं. इस दिशानिर्देश की मदद से यात्रियों का 'कम शोषण' होगा और बोर्डिंग के बाद उन्हें घंटों तक विमान के अंदर बैठकर इंतजार करते रहने की जरूरत नहीं होगी.
यदि किसी कारण से या फिर आपातकाल स्थिति में विमान को बोर्डिंग के बाद उड़ान भरने में देरी होती है तो यात्रियों को डिपार्चर गेट से बाहर निकलने की इजाजत होगी. हसन ने कहा, "हवाईअड्डे संचालकों को दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए स्क्रीनिंग सहित बुनियादी ढांचे की व्यवस्था करनी होगी." हसन ने आगे कहा कि यात्रियों को विमान से उतारने का निर्णय संबंधित एयरलाइंस और सुरक्षा एजेंसियां करेंगी.
बता दें कि घरेलू हवाई यातायात बढ़ रहा है और हर दिन लगभग 3,500 उड़ानें उड़ान भरती हैं. पहले हसन ने कहा था कि हवाईअड्डों पर भीड़ "अवांछनीय" है और ऐजेंसी ने इस समस्या से निपटने के लिए उपकरण विकसित किए हैं. हवाई अड्डों पर यात्रियों के लिए बेहतर अनुभव सुनिश्चित करने के प्रयासों के तहत विमानन सुरक्षा निगरानी संस्था स्मार्ट सुरक्षा लेन भी स्थापित करेगी.
उनके अनुसार, इस महीने बेंगलुरु हवाई अड्डे पर फुल-बॉडी स्कैनर चालू होने की संभावना है. आने वाले समय में, ये स्कैनर 5 मिलियन से अधिक वार्षिक यात्री यातायात वाले हवाई अड्डों पर शुरू किए जाएंगे. हवाईअड्डों पर होने वाली भीड़ और बढ़ते एयर ट्रैफिक से निपटने के लिए बीसीएएस द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं. हसन ने कहा कि उपायों के कारण बदलाव दिखाई दे रहे हैं, हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि "विकास के साथ तालमेल बनाए रखना एक चुनौती है."