क्या 'शपथग्रहण' की तैयारी में कुर्ता खरीद रहे पशुपति कुमार पारस, पूछा तो बोले - राज़ को राज़ रहने दो

जब पशुपति कुमार पारस से पूछा गया कि मोदी कैबिनेट के लिए क्या उन्हें अमित शाह का फोन आया था तो उन्होंने कहा कि राज को राज रहने दो.

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पशुपति कुमार पारस कुर्तों की खरीददारी करते दिखे
पटना:

बिहार में एलजेपी दो गुटों में बंट चुकी है. पहला खेमा पशुपति कुमार पारस का है तो दूसरा चिराग पासवान का. उधर, मोदी मंत्रिपरिषद में विस्तार की संभावनाओं के बीच पशुपति कुमार पारस कुर्ते की खरीददारी में व्यस्त दिखे. माना जा रहा है कि वह शपथ ग्रहण की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें पूरा विश्वास है कि उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में जगह जरूर मिलेगी. एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा कि 5 जुलाई को पासवान जी की पहली जयंती मनाई गई. रामविलास पासवान पूरे देश के नेता थे. वह अमीर- गरीब सभी की नुमाइंदगी करते थे. वह हमारे बड़े भाई थे. हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं. जब उनसे पूछा गया कि क्या आप शपथ लेने वाले हैं, क्या अमित शाह का फोन आया था तो उन्होंने कहा कि राज को राज रहने दो.

इससे पहले  बिहार के हाजीपुर में आशीर्वाद यात्रा के दौरान चिराग पासवान ने एएनआई से कहा था कि पशुपति कुमार पारस मेरे लिए पिता समान है. मैं अपने पिता (रामविलास पासवान) की छवि उनमें देखता हूं. पिता के जाने के बाद आज जब मुझे उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी तब वे मेरे पास नहीं हैं. मैं उनके दरवाज़े तक गया लेकिन उन्होंने मेरे लिए दरवाज़े नहीं खोले. मेरे पिता रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद परिवार को एक रखने की ज़िम्मेदारी मेरे चाचा(पशुपति कुमार पारस) की थी लेकिन उन्होंने पार्टी के साथ-साथ परिवार को भी तोड़ने का काम किया.

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गौरतलब है कि पीएम मोदी ने भी 5 जुलाई को रामविलास पासवान की पहली जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी. उन्होंने लिखा कि आज मेरे स्वर्गीय रामविलास पासवान जी की जयंती है. मैं उन्हें याद करता हूं. वह भारत के सबसे अनुभवी सांसदों और प्रशासकों में से एक थे. जन सेवा और दलितों को सश्कत बनाने के लिए उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा.

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