संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कोरोना संकट के बीच विपक्षी नेताओं की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए खत पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि आपकी पॉलिसी है कि पहले शक करो और फिर मांग करो. कोरोना वायरस की की दूसरी लहर को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. बुधवार को कांग्रेस समेत 12 राजनीतिक दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक संयुक्त पत्र लिखा है. खत में मोदी सरकार पर विपक्ष के सुझावों पर ध्यान न देने और सरकार की लापरवाही के चलते हालात खराब होने का आरोप लगाया गया है.
इस खत पर केंद्रीय मंत्री जोशी ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा है, 'जयराम रमेश जी वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें बेहतर पता होना चाहिए. शुरुआत में उनकी पार्टी ने कोरोना टीके के खिलाफ लोगों में डर पैदा करने के लिए एक प्रोपेगैंडा चलाया. कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने टीकाकरण के खिलाफ बयान दिए थे. आपकी नीति है 'पहले शक करो, फिर मांग करो.'
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प्रधानमंत्री को लिखे खत में साथ ही मांग की गई है कि वैक्सीन उत्पादन बढ़ाया जाए. इसके लिए बजट में निर्धारित किए गए 35000 करोड़ रूपये खर्च किया जाए. इसके अलावा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को तुरंत रोकने की भी मागं की गई है और कहा गया है कि इस प्रोजेक्ट के मद का पैसा ऑक्सीजन और वैक्सीन पर खर्च किया जाए.
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