संसद के शीतकालीन सत्र ( Parliament Winter Session) में आज भी जमकर हंगामा हुआ. शीतकालीन सत्र के के आखिरी दो दिन बचे थे, लेकिन हंगामे और गतिरोध के चलते आज संसद शुरू होते ही दोनों सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. वहीं इस मामले पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ( Mallikarjun Kharge) ने कहा है कि सरकार कामकाज चाहती ही नही थी. कल कोई बेल में नही गया था. कोई गड़बड़ नही हुई. लेकिन 11 बजे से 2 बजे तक स्थगित कर दिया. यही हाल परसो का भी रहा . कोई कारण नहीं था. सरकार के पास कोई एजेंडा ही नहीं था.
उन्होंने सरकार के खिलाफ निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग सिर्फ यही चाहते थे कि उनके जो मुद्दे हैं, जिनपर उनको विश्वास है, उसको किसी भी तरह से पास कर लेना है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन पर पर कहा कि 'सरकार ने 12 सांसदों को इसलिए निलंबित कर दिया, ताकि बिल आसानी से पास हो सके. हमने निलंबन वापस लेने की मांग की थी ताकि सदन सुचारू रूप से चल सके, लेकिन वो नहीं माने.' विपक्ष के नेताओं को समझते तो कुछ होता. ये तो डिवाइड करने की कोशिश की. सिर्फ पांच को बुलाए बाकी को छोड़ दिया. सरकार की मंशा थी 20 मिनट में बिल पास हो जाये. साथ ही उनकी गलतियां सबके सामने ना आ पाए . सही मूद्दे पर जवाब ना देना पड़े. इसीलिए उन्होंने कुछ लोगों को सस्पेंड किया .
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बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन 29 नवंबर को विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मानसून सत्र के दौरान 'अशोभनीय आचरण' करने के कारण वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था.
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