संसद की सुरक्षा में चूक मामला: अदालत ने आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा

न्यायाधीश ने दिल्ली पुलिस द्वारा दायर एक आवेदन पर आदेश पारित किया, जिसमें जांच जारी होने के कारण सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध किया गया था. सुनवाई के दौरान आरोपी नीलम आजाद ने अदालत के समक्ष आरोप लगाया कि शुक्रवार को एक महिला अधिकारी ने उनसे 50 से अधिक कोरे कागजों पर जबरदस्ती हस्ताक्षर कराये.

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नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में गिरफ्तार छह आरोपियों को शनिवार को 27 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने मनोरंजन डी, सागर शर्मा, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत और नीलम आजाद को उनकी पुलिस रिमांड की अवधि समाप्त होने पर अदालत में पेश किए जाने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

न्यायाधीश ने दिल्ली पुलिस द्वारा दायर एक आवेदन पर आदेश पारित किया, जिसमें जांच जारी होने के कारण सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध किया गया था. सुनवाई के दौरान आरोपी नीलम आजाद ने अदालत के समक्ष आरोप लगाया कि शुक्रवार को एक महिला अधिकारी ने उनसे 50 से अधिक कोरे कागजों पर जबरदस्ती हस्ताक्षर कराये.

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें दर्ज कीं. संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन गत 13 दिसंबर को सागर शर्मा और मनोरंजन डी लोकसभा में शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे. साथ ही, उन दोनों ने नारे लगाते हुए एक ‘केन' से पीला धुआं फैलाया था. कुछ सांसदों ने इन दोनों को पकड़ा था. लगभग इसी समय अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने संसद भवन परिसर के बाहर ‘तानाशाही नहीं चलेगी' के नारे लगाते हुए ‘केन' से रंगीन धुआं फैलाया था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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