चेन्नई से नौसैनिक के अपहरण और 'हत्या' में पालघर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पालघर पुलिस अधीक्षक दत्तात्रय शिंदे ने दावा किया है कि अभी तक की जांच में नौसैनिक के अपहरण के बाद उसे जिंदा जलाने का दावा फर्जी पाया गया है. उन्होंने बताया कि नौसैनिक सूरज कुमार दुबे पर लाखों रुपये का कर्ज था, जिसे वह वापस नही कर पा रहे थे. इसलिए उसने अपने ही अपहरण और हत्या की कोशिश की साजिश रची, लेकिन वो इतना अधिक जल गया कि इलाज के दौरान उसकी मौत होगई. पुलिस ने चेन्नई और तलासरी इलाके के सभी CCTV फुटेज खंगाले हैं, इन सभी फुटेज में सूरज अकेले ही घूमता नजर आ रहा है. एक CCTV फुटेज में वह महाराष्ट्र के तलासरी के पेट्रोल पंप से तीन लीटर पेट्रोल खरीदते हुए भी नजर आया है.
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नौसैनिक सूरज की मौत से जुड़ी गुत्थी को सुलझाने के लिए 10 टीमें बनाई थीं जिसमें 100 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे. सूरज के गांव, घर, चेन्नई से लेकर मुंबई में नौसेना अस्पताल के डॉक्टरों तक, इस केस से जुड़े दूसरे सभी लोगों से पूछताछ की गई थी. सूरज ने मरने के पहले पुलिस को दिए बयान में बताया था कि 30 जनवरी को छुट्टी खत्म होने के बाद उसने सुबह 8 बजे रांची से विमान पकड़ा और रात 9 बजे चेन्नई एयरपोर्ट पर उतरा. वहां एयरपोर्ट से बाहर निकलने पर 3 अज्ञात लोगों ने रिवॉल्वर की नोंक पर उसे धमकाया और 5 हजार रुपये का मोबाइल छीन कर सफेद रंग की SUV गाड़ी में बैठा लिया. उससे 10 लाख की फिरौती मांगी और 3 दिन तक चेन्नई में कैद रखा. 5 फरवरी को उसे पालघर में घोलवड तहसील में जंगल मे ले जाकर पेट्रोल डालकर जलाकर मारने की कोशिश की. जली अवस्था में किसी तरहं वो पहाड़ी से नीचे उतरा तो गांव वालों की उस पर नजर पड़ी और फिर उसे अस्पताल ले जाया गया. इलाज के दौरान सूरज की मौत हो गई थी.