दिल्ली के लक्ष्मी नगर से पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी अशरफ ने खुलासा किया है. पुलिस के सूत्रों के मुताबिक- उसने एक और आतंकी की पहचान की है कि वह गुलाम सरवर नाम के आतंकी के साथ भारत आया था. उसने बताया कि गुलाम सरवर ने ही ब्रीफकेस बम दिल्ली हाईकोर्ट के गेट नंबर पांच पर रखा था. बम जम्मू-कश्मीर से आया था और दोनों ने मिलकर उधमपुर और जम्मू में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया था. बता दें कि अशरफ दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की 14 दिन की रिमांड पर है. दोनों ही आईएसआई के स्लीपर सेल एजेंट हैं. दोनों के गुरु का कोड नेम नासिर है. गुलाम सरवर उर्फ अबू आदिल ने कोड नेम नासिर के कहने से ही जम्मू की एक लड़की से शादी की थी. गुलाम सरवर की एनआईए समेत अनेक जांच एजेंसियों को तलाश है. पुलिस पूछताछ में अशरफ ने बताया कि वह 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए धमाकों में शामिल था. उस धमाके के लिए अशरफ ने ही हाईकोर्ट की रेकी की थी. उसने आईटीओ पर स्थित पुलिस हेडक्वार्टर और आईएसबीटी की भी रेकी की थी.
सूत्रों के मुताबिक, मोहम्मद अशरफ ने पुलिस को बताया कि वो जम्मू -कश्मीर में जब था, तो वहां वो लगातार आर्मी के जवानों और उनकी गाड़ियों के मूवमेंट पर नजर रखता था. इस दौरान वो लगातार पकिस्ताम में अपने परिवार के संपर्क में रहता था. हर 6 महीने में अपना मोबाइन नंबर बदल लेता था, जिससे वो एजेंसियों के जाल में न फंस पाए. यहां तक कि वो अपने हैंडलर से संपर्क में आने के लिए ये मैसेज या वाट्सऐप पर भी बहुत ही कम जुड़ता था.
अशरफ को लगातार आईएसआई और पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स फोटो के जरिए लोकेशन और अगला टारगेट बताते थे. साथ ही इसको किन चीजों की डिलीवरी किसे करनी है ये भी जानकारी दी जाती थी. सबसे महत्वपूर्ण बात ना तो ये बात करने वाले शख्स को अच्छे को जानता था, ना ही जिसे हथियारों या अन्य चीजों की डिलीवरी करनी होती थी उन्हें जानता था. सिर्फ ये एक बीच की कड़ी जो केवल समान एक जगह से उठाकर दूसरे को देना होता था. बता दें कि 7 सितंबर 2011 को दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर ब्लास्ट हुआ था. हाईकोर्ट के गेट नंबर 4 और 5 पर बम ब्लास्ट हुआ था. इसमें करीब 15 लोगों की मौत हुई थी और 79 लाख लोग जख्मी हुए थे.