भारत की चिनाब रणनीति से पाकिस्तान की टेंशन बढ़ी, बांधों की फ्लशिंग से पाकिस्तान परेशान!

पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. चिनाब नदी पर बांधों से हर महीने गाद निकालने का फैसला किया गया है. इससे भारत को कई फायदे होंगे, लेकिन पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं.

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प्रतीकात्मक फोटो

चिनाब नदी पर भारत के फैसने ने पाकिस्तान की टेंशन बढ़ा दी है. चिनाब नदी पर बने बांधों से अब हर महीने गाद निकाली जाएगी, जिसने पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. पाकिस्तान फ्लशिंग का विरोध करता रहा है. इससे भारत को कई फायदे होंगे, लेकिन पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पाकिस्तान में खेती, अर्थव्यवस्था और बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है. आखिर क्या है फ्लशिंग. भारत को क्या फायदा और पाकिस्तान के लिए ये चिंता की बात क्यों है?

फ्लशिंग क्या है?

सबसे पहले समझते हैं कि फ्लशिंग होती क्या है? बांधों में पानी के साथ मिट्टी, रेत और कचरा जमा होता है,जिसे गाद कहते हैं. ये गाद बांध की क्षमता कम करती है और बिजली उत्पादन में रुकावट डालती है. फ्लशिंग में बांध के गेट खोलकर तेज़ पानी छोड़ा जाता है,जिससे गाद बह जाती है. भारत ने चिनाब नदी के सलाल और बगलिहार बांधों में हर महीने फ्लशिंग शुरू की है. मई में 7.5 मिलियन क्यूबिक मीटर गाद निकाली गई.

  • बांध में जमा मिट्टी और कचरे को गाद कहा जाता है
  • गाद निकालने के लिए तेज़ बहाव से पानी छोड़ा जाता है
  • पानी के बहाव से गाद हटाने के प्रक्रिया को फ्लशिंग कहते हैं

पाकिस्तान को क्या नुकसान

भारत का ये कदम पाकिस्तान के लिए क्यों परेशानी बन सकता है?
खेती पर असर: चिनाब का पानी पाकिस्तान की खेती के लिए ज़रूरी है. फ्लशिंग से पानी का प्रवाह कम हो सकता है. खासकर गर्मियों और बुआई के मौसम में,जिससे फसलें प्रभावित होंगी.
बाढ़ का खतरा: तेज़ पानी छोड़ने से पाकिस्तान में बाढ़ का जोखिम बढ़ सकता है,जैसा कि मई में सियालकोट में देखा गया.
आर्थिक नुकसान: पाकिस्तान की 80% अर्थव्यवस्था सिंधु नदी सिस्टम पर निर्भर है. पानी की कमी से खेती और उद्योग ठप हो सकते हैं.

भारत को क्या फायदा?

भारत को इस रणनीति से कई फायदे होंगे. पकल डुल, किरू, क्वार और रैटल जैसी जल परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने से बिजली उत्पादन और सिंचाई की क्षमता बढ़ेगी. चिनाब और झेलम का पानी जम्मू-कश्मीर और पंजाब में खेती लिए इस्तेमाल होगा,जिससे विकास को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्रीय विकास. इसके साथ भारत के इस फैसले से पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव भी बनेगा.पानी रोककर भारत पाकिस्तान पर दबाव बना सकता है,खासकर आतंकी हमलों के जवाब में. भारत ने साफ कर दिया है कि पानी और खून साथ नहीं बह सकते. ये कदम दिखाएगा कि भारत अपने संसाधनों का पूरा इस्तेमाल करेगा.

  •  बांधों की क्षमता बढ़ेगी
  • जम्मू-कश्मीर और पंजाब में सिंचाई को लाभ
  •  पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव
  •  भारत की मजबूत रणनीति का संदेश

भारत का चिनाब नदी पर हर महीने फ्लशिंग का फैसला न सिर्फ बांधों की क्षमता बढ़ाएगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास और कूटनीति में भी भारत को मजबूती देगा. वहीं पाकिस्तान के लिए ये आर्थिक चुनौतियां ला सकता है. ये थी भारत की वाटर डिप्लोमेसी की कहानी.

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