- पाकिस्तान द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के पायलट पकड़ने का दावा पूरी तरह गलत साबित हुआ है
- सोशल मीडिया पर पायलट शिवांगी सिंह के पकड़े जाने की झूठी खबरें फैलाई गईं लेकिन वे अंबाला एयरबेस पर मौजूद थीं
- स्क्वॉड्रन लीडर शिवांगी सिंह पहली महिला राफेल पायलट हैं और वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ दिखीं
पाकिस्तान का झूठ बेनकाब हो गया है, जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के राफेल जेट को गिराने के साथ एक पायलट को पकड़ने का दावा किया था. सोशल मीडिया में ऐसी झूठी खबरें भी फैलाई गईं थीं कि पायलट शिवांगी सिंह को पकड़ा गया है. हालांकि राफेल फाइटर पायलट शिवांगी सिंह बुधवार को अंबाला एयरबेस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ दिखीं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल फाइटर जेट के जरिये सफलतापूर्वक उड़ान भरी. स्क्वॉड्रन लीडर शिवांगी सिंह पहली महिला राफेल पायलट हैं. इस तस्वीर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और शिवांगी सिंह के चेहरे पर मुस्कान दिख रही है.
शिवांगी सिंह 2017 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुई थीं. शिवांगी सिंह के पति भी फाइटर पायलट हैं. वो पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने फ्रांस निर्मित सिंगल सीटर राफेल लड़ाकू विमान उड़ाया था.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने करीब 30 मिनट तक उड़ान भरी और इस दौरान राफेल ने करीब 200 किलोमीटर का दायरा कवर किया. एयरक्रॉफ्ट को ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी ने उड़ाया था, जो 17वीं स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर हैं. फाइटर जेट ने समुद्र तल से 15 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरी. इस दौरान उसकी स्पीड 700 किलोमीटर प्रति घंटा तक रही.
Amit Gehani with President
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी. एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने भी उनकी सुरक्षा में यहीं से एक अलग विमान में उड़ान भरी.राफेल विमान में चढ़ने से पहले राष्ट्रपति ने G-Suite पहना था.राष्ट्रपति ने 11.27 बजे विमान के उड़ान भरने से पहले प्लेन के अंदर से हाथ हिलाकर अभिवादन किया.
राष्ट्रपति को एयरबेस पर गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया.
सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर मुर्मू ने 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी और वह ऐसा करने वाली तीसरी राष्ट्रपति बनी थीं.पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने 8 जून 2006 और 25 नवंबर 2009 को पुणे के पास लोहेगांव वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी.
President Draupadi Murmu
फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने राफेल लड़ाकू विमान को सितंबर 2020 में अंबाला वायुसेना स्टेशन पर वायुसेना में शामिल किया गया था.पहले पांच राफेल विमानों को 17वें स्क्वाड्रन गोल्डन एरोज में शामिल किया गया था. ये लड़ाकू विमान 27 जुलाई 2020 को फ्रांस से यहां पहुंचे थे.













