पाकिस्तान आतंकवाद को एक उद्योग के तौर पर प्रायोजित कर रहा है : सिंगापुर में बोले एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर सिंगापुर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. उन्होंने पाकिस्तान को लेकर साफ कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत एकसाथ नहीं हो सकते. जयशंकर ने दो टूक कहा कि भारत का रुख अब आतंकवादियों को नजरअंदाज करने का नहीं है.

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सिंगापुर में आतंकवाद को लेकर भारत के गंभीर रुख से दुनिया के देशों को अवगत कराया.
सिंगापुर:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को एक उद्योग के तौर पर प्रायोजित कर रहा है और भारत आतंकवाद की समस्या को नजरअंदाज करने के कतई पक्ष में नहीं है. सिंगापुर की तीन दिवसीय यात्रा पर आए जयशंकर ने सिंगापुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय (एनयूएस) के दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान (आईएसएएस) में अपनी पुस्तक ‘व्हाई भारत मैटर्स' पर व्याख्यान सत्र के बाद आयोजित सवाल-जवाब के एक सत्र के दौरान ये टिप्पणियां कीं. पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हर देश एक स्थिर पड़ोस चाहता है. और कुछ नहीं तो कम से कम एक शांत पड़ोस तो चाहता ही है. हालांकि, दुर्भाग्य से भारत के साथ ऐसा नहीं है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है. उन्होंने पूछा, ‘‘आप एक ऐसे पड़ोसी से कैसे निपटेंगे, जो इस तथ्य को खुलेआम स्वीकार करता है कि वह आतंकवाद को शासन के एक साधन के रूप में इस्तेमाल करता है.'' जयशंकर ने कहा, ‘‘यह एक बार होने वाली घटना नहीं है...बल्कि लगातार होने वाली घटना है. लगभग उद्योग स्तर पर...तो हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि हमें इस खतरे से निपटने का एक तरीका ढूंढना होगा, जिससे हमें इस समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिल सके.''

जयशंकर ने कहा, ‘‘मेरे पास इस समस्या का कोई त्वरित समाधान नहीं है, लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि भारत अब इस समस्या को नजरअंदाज नहीं करेगा. हम यह नहीं कहने जा रहे हैं, ठीक है, ऐसा हुआ और आइए अपनी बातचीत जारी रखें. हमारे पास एक समस्या है और हमें उस समस्या का सामना करने के लिए पर्याप्त ईमानदार होना चाहिए, चाहे वह कितनी ही कठिन क्यों न हो. हमें दूसरे देश को यह कहकर खुली छूट नहीं देनी चाहिए कि वे इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते हैं या यह एक बहुत बड़ी समस्या है. कठिन समस्या है, या फिर बहुत कुछ दांव पर है, जिसे हमें नजरअंदाज कर देना चाहिए. भारत का रुख अब आतंकवादियों को नजरअंदाज करने का नहीं है.''

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