"पाकिस्‍तान को आतंकवाद के खिलाफ लगातार कार्रवाई करनी चाहिए" : PAK के FATF 'ग्रे लिस्ट' से बाहर होने पर भारत की प्रतिक्रिया

FATF की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "पाकिस्तान अब FATF की निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं है."

Advertisement
Read Time: 24 mins
नई दिल्‍ली:

दुनियाभर में आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्डरिंग पर लगाम लगाने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्‍ट (grey list) से बाहर कर दिया है. आतंकवाद और धन शोधन के वित्तपोषण के लिए वैश्विक निगरानी करने वाली संस्था की "ग्रे लिस्ट" में डाले जाने के चार साल बाद पाकिस्तान का नाम आखिरकार इस सूची से हटा दिया गया है. पाकिस्‍तान को 'ग्रे लिस्‍ट' से हटाने का फैसला पेरिस में FATF की बैठक के दौरान आया. यह बैठक 18 अक्‍टूबर से 21 अक्‍टूबर तक हुई.उधर, पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट से बाहर किए जाने को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अरिंदम बागची ने कहा, "हमने पेरिस में FATF बैठक के संदर्भ में पाकिस्तान से संबंधित रिपोर्ट देखी है. FATF की जांच के फलस्वरूप, पाकिस्तान को जाने-माने आतंकियों के खिलाफ कुछ कार्रवाई करनी पड़ी, जिसमें 26/11 को मुंबई में पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ हमलों में शामिल लोग शामिल हैं. पाकिस्तान को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रखनी चाहिए."

गौरतलब है कि FATF ने पाकिस्तान को चार साल पहले मनी लॉन्डरिंग और आतंकी फंडिंग पर लगाम लगाने में विफल रहने के लिए ग्रे सूची में डाल दिया था.  FATF के इस फैसले से पाकिस्तान को विदेश फंडिंग हासिल करने में मदद मिलेगी और वह अपनी आर्थिक हालात सुधार पाएगा. FATF की ओर से जारी बयान में कहा गया है,"पाकिस्तान अब FATF की निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं है."बयान में कहा गया है कि एफएटीएफ ने धनशोधन, वित्तीय आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान की महत्वपूर्ण प्रगति का स्वागत किया है. एफएटीएफ की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान ने धन शोधन के खिलाफ प्रयासों को मजबूत किया है, वह आतंकवाद को मिल रहे वित्त पोषण से लड़ रहा है. तकनीकी खामियों को दूर किया गया है. 

Advertisement

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने विश्व स्तर पर धनशोधन तथा आतंकवादी वित्तपोषण के खतरों से निपटने वाले ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स' (FATF) की ‘ग्रे' सूची (Gray List) से बाहर निकलने के लिए व्यापक स्तर पर कूटनीतिक प्रयास किए थे. धन शोधन पर रोक लगाने में विफल रहने और आतंकवाद वित्तपोषण के कारण पेरिस स्थित ‘वित्तीय कार्रवाई कार्यबल' (एफएटीएफ) की ‘ग्रे' सूची में पाकिस्‍तान 2018 से है. उसे अक्टूबर 2019 तक पूरा करने के लिए एक कार्ययोजना दी गई थी. हालांकि, एफएटीएफ के आदेशों का पालन करने में विफल रहने के कारण इस देश को इस सूची में बनाए रखा गया था. बहरहाल अब पाकिस्‍तान 'ग्रे लिस्‍ट' से बाहर आने में सफल हो गया है.

Advertisement

बता दें, भारत की ओर से लगातार आरोप लगाया जाता रहा है कि पाकिस्‍तान, आतंकियों को पनाह देता है और उसके संगठनों को वित्‍तीय मदद उपलब्‍ध कराता रहा है. 

Advertisement

दाऊद इब्राहिम भारत को सौंपेंगे?: इंटरपोल की बैठक में पाकिस्‍तान से पूछा गया सवाल

Advertisement
Featured Video Of The Day
Hezbollah Pager Attack: कैसे हुआ पेजर Blast और 3 ग्राम विस्फोट से कैसे हिल गया हिजबुल्लाह?
Topics mentioned in this article