पानी ही नहीं अब दवा के लिए भी तरसेगा पाकिस्‍तान, जानिए भारत ने अब ऐसा क्‍या किया

भारत के साथ व्यापार रुकने से पाकिस्तान में दवा की जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्काल उपाय शुरू हो गए हैं और स्वास्थ्य अधिकारियों ने आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आपातकालीन तैयारी के उपाय शुरू कर दिए हैं.

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इस्लामाबाद:

पाकिस्तानी स्वास्थ्य अधिकारियों ने भारत के साथ व्यापार संबंधों के निलंबन के जवाब में दवा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए “आपातकालीन तैयारी” के उपाय शुरू किए हैं. पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फैसले के जवाब में इस्लामाबाद ने गुरुवार को अन्य कदमों के अलावा नई दिल्ली के साथ सभी व्यापार को निलंबित कर दिया.

जियो न्यूज ने बताया कि भारत के साथ व्यापार रुकने से पाकिस्तान में दवा की जरूरतों को पूरा करने के लिए “तत्काल उपाय” शुरू हो गए हैं और स्वास्थ्य अधिकारियों ने आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए “आपातकालीन तैयारी” के उपाय शुरू कर दिए हैं.

भारत पर है इतनी निर्भरता

पाकिस्तान के औषधि विनियामक प्राधिकरण (डीआरएपी) ने पुष्टि की है कि हालांकि दवा क्षेत्र पर प्रतिबंध के प्रभाव के बारे में कोई औपचारिक अधिसूचना नहीं दी गई है, लेकिन आकस्मिक योजनाएं पहले से ही तैयार हैं.

वर्तमान में, पाकिस्तान अपने दवाओं के लिये कच्चे माल के 30 से 40 प्रतिशत के लिए भारत पर निर्भर है, जिसमें सक्रिय औषधि सामग्री (एपीआई) और विभिन्न उन्नत चिकित्सीय उत्पाद शामिल हैं.

इन देशों में तलाश रहा विकल्‍प

इस आपूर्ति श्रृंखला के वितरण के साथ, डीआरएपी चीन, रूस और कई यूरोपीय देशों से वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रहा है.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा, विनियमन एवं समन्वय मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, “पाकिस्तान अपनी दवाइयों के कच्चे माल का 30-40 प्रतिशत हिस्सा भारत से आयात करता है. हम तैयार उत्पाद, सबसे महत्वपूर्ण रूप से कैंसर रोधी उपचार, जैविक उत्पाद, टीके और सीरम, विशेष रूप से रेबीज रोधी टीके और सांप रोधी जहर भी भारत से आयात करते हैं.”

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औषधि क्षेत्र को डर है कि आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण (दवाओं की)गंभीर कमी हो सकती है.
 

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