मोदी मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल से कुछ घंटे पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री डॉ हर्षवर्धन (P Chidambaram) ने इस्तीफा दे दिया. इसे लेकर पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर कटाक्ष किया है. उन्होंने ट्वीट किया है कि केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री और स्वास्थ्य राज्यमंत्री का इस्तीफा देना स्पष्ट रूप से ये स्वीकार करना है कि मोदी सरकार कोरोना महामारी के दौरान प्रबंधन में पूरी तरह तरह फेल रही. दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि ये इस्तीफे पूरी तरह से मंत्रियों के लिए सबक है. अगर चीजें सही होती हैं तो श्रेय पीएम को जाता है, अगर चीजें गलत हुईं तो इसका जिम्मेदार मंत्री ही होता है.
बता दें कि अब तक मिली जानकारी के मुताबिक- स्वास्थ्यमंत्री हर्षवर्धन, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे, रमेश पोखरियाल निशंक (शिक्षा मंत्री), बाबुल सुप्रियो, राव साहेब दानवे पाटिल, प्रताप सारंगी, संतोष गंगवार ( श्रम मंत्री), थावरचंद गहलोत, सदानंद गौड़ा, अश्विनी चौबे, संजय धोत्रे, देबाश्री चौधरी और रतनलाल कटारिया ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.मोदी कैबिनेट में फेरबदल से कुछ दिन पहले ही काम की समीक्षा के आधार पर कुछ मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही थी.
गौरतलब है कि कोरोना काल में मोदी सरकार पर काफी सवाल उठे. स्वास्थ्यमंत्री हर्षवर्धन को लेकर भी बातें चल रही थीं. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भारत के स्वास्थ्य विभाग के बुनियादी ढांचे पर जिस तरह सवाल उठे, ऑक्सीजन, बेड और वैक्सीन की कमी के बीच लोग जूझते दिखे, लोग सड़कों पर तड़प रहे थे सरकार कुछ नहीं कर पा रही थी. बहुतों ने तो इलाज के अभाव में जान गंवा दी, इसी के मद्देनजर स्वास्थ्यमंत्री हर्षवर्धन का इस्तीफा तय माना जा रहा है. सरकार की टीकाकरण योजना भी स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन आती है, वह भी चरमराती ही दिख रही है.