सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के प्रमुख अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन (Oxford-AstraZeneca COVID-19 vaccine) के मंजूरी मिलने में देरी को लेकर कहा है कि कोई चिंता की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में वैक्सीन का इमरजेंसी इस्तेमाल दिसंबर अंत या जनवरी की शुरुआत तक हो सकता है.
"तब हमें भारत में भी मंजूरी मिल सकती है. हम देरी के बारे में चिंतित नहीं हैं," सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute of India) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने सोमवार को भारत के पहले स्वदेशी विकसित निमोनिया वैक्सीन के अनावरण पर कहा.
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"कोविशिल्ड (Covishield) पर सभी परीक्षण डेटा भारत और यूके के लिए प्रस्तुत किए गए हैं. हमें प्रबुद्ध मूल्यांकनकर्ताओं का सम्मान करना चाहिए. कोई भी सुरक्षा को जोखिम में नहीं डालना चाहता. हमें कुछ और दिन देने होंगे.” दुनिया की सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनी SII के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने भारत में सरकार से मुकदमेबाजी से बचाने की व्यवस्था करने का आग्रह करने के एक सप्ताह बाद कहा.
पूनावाला से पूछा गया था कि क्या वह कोविशिल्ड के लिए ब्रिटेन के नियामक से अनुमोदन में देरी को लेकर चिंतित हैं, जो पिछले महीने अपने डेटा को लेकर विवादों में रहे थे.
उन्होंने कहा, “इससे पहले, हम वैक्सीन के आने को लेकर सवाल सुन रहे थे और अब हम इस सवाल पर सुन रहे हैं कि अभी तक मंजूरी क्यों नहीं है. आप जल्द ही ब्रिटेन से अच्छी खबर सुनेंगे. आपने सुना है एस्ट्राज़ेनेका के सीईओ का कहना है कि प्रभावकारिता 95 प्रतिशत तक होगी.”
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ऑक्सफोर्ड कोरोनावायरस वैक्सीन "रोगियों की 95 प्रतिशत रक्षा करेगा" और ये "फाइजर और मॉड्रेना के रूप में प्रभावी" विकल्प है, पास्कल सोरियट, एस्ट्राज़ेनेका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने हाल ही में ब्रिटिश दैनिक द संडे टाइम्स को बताया था, उन्होंने कहा था कि वैज्ञानिकों ने एक "जीतने का फॉर्मूला निकाला है ताकि वहां हर किसी के साथ प्रभावकारिता हासिल की जा सके"
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