जातिगत टिप्पणी मामले में युवराज सिंह पहले गिरफ्तार हुए, फिर जमानत पर किए गए रिहा : पुलिस

पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई एक शिकायत की जांच के तहत हुई है, जिसमें उन्होंने एक इंस्टाग्राम लाइव वीडियो में क्रिकेटर युजवेंद्र चहल के खिलाफ एक जातिगत गाली का इस्तेमाल किया था.

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चंडीगढ़:

हरियाणा में शनिवार को पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह को गिरफ्तार किया गया और कुछ समय बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई एक शिकायत की जांच के तहत हुई है, जिसमें उन्होंने एक इंस्टाग्राम लाइव वीडियो में क्रिकेटर युजवेंद्र चहल के खिलाफ एक जातिगत गाली का इस्तेमाल किया था.

युवराज सिंह ने साल 2020 में एक इंस्टाग्राम लाइव वीडियो के दौरान रोहित शर्मा के साथ यह टिप्पणी की थी. इस 'गैर इरादतन टिप्पणी' के लिए माफी भी मांगी थी. चहल पर की गई इस टिप्पणी को सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया गया था. युवराज सिंह और रोहित शर्मा को मिस्टर चहल के टिकटॉक वीडियो पर चर्चा करते देखा गया था.

हरियाणा के हांसी में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नितिका गहलौत ने फोन पर एनडीटीवी को बताया, 'अदालत के आदेश के अनुसार, शनिवार को युवराज सिंह को गिरफ्तार किया गया और फिर अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया.' हालांकि, युवराज सिंह के प्रतिनिधि शाजमीन कारा ने कहा कि पूर्व क्रिकेटर को गिरफ्तार नहीं किया गया था.

सूत्रों के मुताबिक युवराज सिंह हिसार में अपने सुरक्षा कर्मियों सहित चार से पांच कर्मचारियों के साथ पुलिस के सामने पेश हुए थे.

यह कार्रवाई इस साल फरवरी में हरियाणा में एक दलित कार्यकर्ता की ओर से दाखिल शिकायत के बाद की गई है, जिसमें युवराज सिंह की गिरफ्तारी और अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई थी. कोर्ट के आदेश पर मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

कार्यकर्ता रजत कलसान ने कहा, "6 अक्टूबर को पुलिस को युवराज सिंह को जांच में शामिल करने के लिए कहा गया था. हमें पता चला है कि शनिवार को युवराज सिंह ने हिसार में पुलिस के सामने सरेंडर किया. उनसे दो से तीन घंटे तक पूछताछ की गई और फिर गिरफ्तार किया गया. फिर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.'

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साथ ही उन्होंने कहा, 'पुलिस कुछ दिनों में अपनी अंतिम रिपोर्ट हिसार में एससी/एसटी कोर्ट में जमा करेगी और युवराज सिंह को वहां से नियमित जमानत लेनी होगी. उन्हें हिसार की अदालत में सुनवाई में शामिल होना होगा. हम उनके अपराध को साबित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे क्योंकि उन्होंने पूरे समुदाय का अपमान किया है.'

इसके अलावा उन्होंने कहा, 'उन्हें एससी/एसटी अधिनियम के तहत जमानत दी गई, हम इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रहे हैं और उम्मीद है कि आप उन्हें सलाखों के पीछे देखेंगे.'

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पिछले साल अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक बयान में युवराज सिंह ने 'अगर मैंने अनजाने में किसी की भावनाओं को आहत किया है' कहते हुए खेद व्यक्त किया था. उन्होंने कहा था, 'एक जिम्मेदार भारतीय के रूप में मैं कहना चाहता हूं कि अगर मैंने अनजाने में किसी की भावनाओं या भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, तो मैं इसके लिए खेद व्यक्त करना चाहूंगा.'

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