BMC चुनाव से पहले विपक्ष में फूट!, एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में MVA के सहयोगी

BMC Election 2025: उद्धव ठाकरे का स्पष्ट मत था कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट होकर लड़ना चाहिए. शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस को मनाने की कोशिश की. संजय राउत ने राहुल गांधी से भी बात की, लेकिन मुंबई कांग्रेस अपनी बात पर अड़ी रही. कांग्रेस ने उल्टा शिवसेना (यूबीटी) को मनसे से दूरी बनाने का प्रस्ताव दिया, जो लगभग असंभव था.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
BMC चुनाव से बिखर रहा विपक्ष.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • महाराष्ट्र में MVA के तीन प्रमुख दल बीएमसी चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ेंगे, जिससे गठबंधन टूटता दिख रहा है.
  • ठाकरे बंधुओं ने गठबंधन कर बीएमसी चुनाव में 100 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है.
  • कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर समान विचारधारा वाले दलों संग नए गठबंधन बनाने की कोशिशें शुरू की.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
मुंबई:

महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए), जो लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा था, अब बीएमसी चुनाव से पहले टूटता नजर आ रहा है. शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस-एमवीए की तीनों प्रमुख पार्टियां, अब बीएमसी चुनाव एक-दूसरे के खिलाफ लड़ेंगी. ऐसा प्रतीत होता है कि विपक्ष बीएमसी चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के खिलाफ एकजुट लड़ाई देने में विफल रहा है. महायुति का आत्मविश्वास अपने चरम पर है, खासकर हाल ही में हुए नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में बीजेपी के सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बाद. इसे बीएमसी चुनाव से पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है. ऐसे समय में विपक्ष का बिखराव महायुति के लिए जीत का रास्ता आसान कर सकता है.

ये भी पढ़ें- ठाकरे Vs शिंदे की शिवसेना या बाजी मारेगी BJP? जानिए 75000 करोड़ के BMC के सत्ता की कहानी

MVA में बदले राजनीतिक समीकरण

पिछले कुछ महीनों में विपक्ष (एमवीए) के भीतर राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं. वैचारिक मतभेद और अपने-अपने वोट बैंक सुरक्षित करने की कोशिशों ने विपक्ष में फूट पैदा कर दी है, हालांकि सभी का लक्ष्य बीजेपी को हराना ही है. यह सब तब शुरू हुआ जब ठाकरे बंधु मराठी भाषा के मुद्दे पर एकजुट हुए. जैसे-जैसे दोनों करीब आए, कांग्रेस एमवीए से दूर होती गई. जब यह साफ हो गया कि बीएमसी चुनाव से पहले ठाकरे बंधु एक राजनीतिक ताकत के रूप में साथ आएंगे, तब कांग्रेस ने भी बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने का फैसला घोषित कर दिया.

कांग्रेस का यह एकतरफा फैसला एमवीए के लिए बड़ा झटका था. शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) दोनों चाहते थे कि मनसे (एमएनएस) को एमवीए में शामिल किया जाए, लेकिन कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया.

जिद पर अड़ी कांग्रेस, चुनी अलग राह

उद्धव ठाकरे का स्पष्ट मत था कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट होकर लड़ना चाहिए. शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस को मनाने की कोशिश की. संजय राउत ने राहुल गांधी से भी बात की, लेकिन मुंबई कांग्रेस अपनी बात पर अड़ी रही. कांग्रेस ने उल्टा शिवसेना (यूबीटी) को मनसे से दूरी बनाने का प्रस्ताव दिया, जो लगभग असंभव था.

आज मीडिया से बात करते हुए संजय राउत ने कहा कि ठाकरे बंधुओं के गठबंधन की औपचारिक घोषणा कल होगी, जबकि कांग्रेस के साथ चर्चा फिलहाल बंद विषय है. उन्होंने कहा, "बीएमसी चुनाव के दौरान कांग्रेस के खिलाफ कोई दुश्मनी नहीं रखी जाएगी. जरूरत पड़ी तो चुनाव के बाद कांग्रेस का समर्थन लिया जाएगा, लेकिन मुझे 100 प्रतिशत भरोसा है कि ठाकरे बंधु बीएमसी में 100 से ज्यादा सीटें जीतेंगे” इससे साफ है कि ठाकरे बंधु कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.

Advertisement

कांग्रेस की समान विचारधारा वाले दलों से करीबी

इस बीच, अकेले चुनाव लड़ने का फैसला करने के बाद कांग्रेस ने समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन विकल्पों पर काम शुरू कर दिया है. इससे पहले मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद वर्षा गायकवाड़ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शरद पवार से मुलाकात की थी. कांग्रेस प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) से भी बातचीत कर रही है.

एनसीपी (एसपी) बीजेपी के खिलाफ सामूहिक लड़ाई के पक्ष में है और एमवीए के रूप में चुनाव लड़ना चाहती है. फिलहाल वह ठाकरे बंधुओं और कांग्रेस, दोनों से बातचीत कर रही है. एनसीपी (एसपी) मुख्य रूप से ठाकरे बंधुओं के साथ हाथ मिलाने को तैयार है, बशर्ते उसे सम्मानजनक सीट-शेयरिंग मिले. साथ ही वह अपनी पुरानी सहयोगी कांग्रेस के साथ गठबंधन के विकल्प को भी खारिज नहीं कर रही है.

Advertisement

क्या साथ आएंगी कांग्रेस और NCP?

सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, "एमवीए के रूप में बीएमसी चुनाव लड़ने के प्रयास जारी हैं. हमारी साझेदार कांग्रेस ने अकेले लड़ने का फैसला लिया है. हम शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस, दोनों से चर्चा कर रहे हैं.” जब उनसे पूछा गया कि क्या एनसीपी (एसपी) अपनी पुरानी सहयोगी कांग्रेस के साथ जाएगी, तो उन्होंने कहा, “समय ही बताएगा.”

सूत्रों के मुताबिक ठाकरे बंधुओं ने एनसीपी (एसपी) को करीब 10-15 सीटों का प्रस्ताव दिया है, जो उनकी 50-55 सीटों की मांग के मुकाबले बहुत कम है. हालांकि शिवसेना (यूबीटी) के साथ बातचीत जारी है. वहीं, एनसीपी (एसपी) नेताओं ने आज वर्षा गायकवाड़ से मुलाकात कर कांग्रेस को मनाने की कोशिश की कि मनसे को शामिल कर एमवीए के रूप में चुनाव लड़ा जाए. सूत्रों के अनुसार, एनसीपी (एसपी) ने कांग्रेस को भी 50-55 सीटों का प्रस्ताव दिया है. चूंकि कांग्रेस अकेले लड़ने पर अडिग है और नए सहयोगियों की तलाश में है, इसलिए वह एनसीपी (एसपी) के प्रस्ताव पर विचार कर रही है.

Advertisement

बीएमसी चुनाव से पहले विपक्ष में फूट

अब यह देखना अहम होगा कि एनसीपी (एसपी) किसके साथ जाती है, अपनी पुरानी पारंपरिक सहयोगी कांग्रेस के साथ या ठाकरे बंधुओं के साथ. जो भी फैसला हो, बीएमसी चुनाव से पहले विपक्ष (एमवीए) में फूट साफ और स्पष्ट है. इससे महायुति को कितना फायदा होगा, यह नतीजे तय करेंगे, लेकिन मुंबई में यह मुकाबला अब सत्ता बनाम विपक्ष से ज्यादा विपक्ष बनाम विपक्ष जैसा नजर आ रहा है.

Featured Video Of The Day
NDTV Masterstroke Art Awards का धमाकेदार ऐलान! क्रिएटिव मास्टर्स को मिलेगा बड़ा सम्मान