मुंबई पुलिस की ओर से एक कोर्ट में मशहूर टीवी एंकर अर्नब गोस्वामी की व्हाट्सएप ट्रांसस्क्रिप्ट (WhatsApp conversations of TV anchor Arnab Goswami) को लेकर सियासत तेज हो गई है. पुलवामा में फरवरी 2019 में सुरक्षा बलों के काफिले पर आतंकी हमले (Attack on a security convoy in Pulwama) के खिलाफ जवावी कार्रवाई के लिए बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot air strike) से संबंधित चेट को लेकर विपक्ष जांच की मांग कर रहा है. यह ट्रांसस्क्रिप्ट रेटिंग घोटाले में मुंबई पुलिस की ओर से पेश चार्जशीट का हिस्सा है जिसमें अर्नब गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी और दो अन्य टीवी चैनलों पर TRP या टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स में 'हेरफेर' का आरोप लगाया गया था. ‘रिपब्लिक टीवी' के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी और टेलीविजन रेटिंग एजेंसी BARC के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता के बीच हुई कथित बातचीत की ट्रांसस्क्रिप्ट में टीवी एंकर, बालाकोट स्ट्राइक के तीन दिन पहले यह कह रहे हैं कि 'कुछ बहुत बड़ा होगा.' बातचीत में उन्होंने यह भी कहा था कि यह 'सामान्य स्ट्राइक से भी बड़ा होगा.'
BARC के पूर्व सीईओ की ओर यह पूछने पर किया क्या यह दाऊद के बारे में हैं, लीक ट्रांसस्क्रिप्ट के अनुसार रिपब्लिक टीवी के एंकर ने कहा था, 'नहीं सर, इस बार कुछ बहुत जबर्दस्त किया जाएगा.' यह बातचीत 23 फरवरी 2019 की है, इसके तीन दिन बाद भारतीय वायुसेना के जेट विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जेश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंपों में हला करके उन्हें तबाह कर दिया था. मामले में विपक्ष ने यह कहते हुए संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की है कि क्या राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया. पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने एक ट्वीट करके पूछा, 'क्या एक जर्नलिस्ट को बालाकोट कैंप पर हमले के तीन दिन पहले ही 'जवाबी स्ट्राइक' के बारे में जानकारी थी. '
शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने सोमवार को सरकार से ‘रिपब्लिक टीवी' के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी और टेलीविजन रेटिंग एजेंसी बीएआरसी के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता के बीच हुई कथित बातचीत की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन करने की मांग की है. एनसीपी के प्रमुख प्रवक्ता महेश तपासे मीडिया में वायरल उस कथित बातचीत का जिक्र कर रहे थे, जिसके अनुसार गोस्वामी को बालाकोट एयर स्ट्राइक के बारे में कई गुप्त जानकारियों का पता था. उन्होंने कहा, ‘‘ यह बेहद स्तब्ध व परेशान करने वाला है कि कैसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे का इस्तेमाल TRP पाने के लिए किया गया.''