चुनाव सुधार से जुड़ा बिल लोकसभा से पास हो गया है, इस बिल में वोटर कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की बात कही है. विपक्ष की ओर से इस बिल को लेकर विरोध के सुर सामने आए थे. विपक्ष के कई सदस्यों का मानना है कि चुनाव कानून संशोधन बिल (Election Laws Amendment Bill) को संसद की स्थाई समिति के पास आगे चर्चा के लिए भेजा जाए, इसके बाद ही इस बारे में कोई फैसला किया जाना चाहिए. राज्यसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकाकार्जुन खडगे ने मंगलवार को NDTV से बातचीत में कहा, 'वोटर आई कार्ड को आधार से लिंक करने के लिए लाए गए इलेक्शन लॉ अमेंडमेंट बिल को संसद की ज्वाइंट सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए. अभी देश में आधार व्यवस्था में कई खामियां हैं, अगर इन्हें वोटर आई कार्ड से लिंक किया जाता है तो सबसे ज्यादा नुकसान गरीब मतदाताओं को होगा.'
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खडगे ने कहा कि अकसर चुनावों में ऐसा देखा गया है कि अमीर लोग, गरीब लोगों का आधार कार्ड खरीद लेते हैं और फिर मतदान खत्म होने के बाद उन्हें वापस लौटा देते हैं.अगर आप वोटर आई कार्ड को आधार से लिंक करेंगे तो इसके दुरुपयोग की संभावनाएं और ज्यादा बढ़ जाएंगी. समाजवादी पार्टी ने इलेक्शन लॉ अमेंडमेंट बिल का विरोध किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने NDTV से कहा, 'इलेक्शन लॉ अमेंडमेंट बिल का हम राज्यसभा में विरोध करेंगे. अगर यह बिल पारित हुआ तो देश में लाखों वंचित वर्ग और पिछड़े वर्ग के लोग वोटिंग से वंचित हो जाएंगे जिनके पास आधार कार्ड नहीं है. इस बिल को समीक्षा के लिए संसद की स्थाई समिति या सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने से कहा, 'इलेक्शन लॉ बिल, इलेक्शन मेनिपुलेशन ( धोखेबाजी) बिल है. इसे स्टैंडिंग कमेटी या सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए.' तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने बिल का विरोध करने का फैसला किया. TRSके सांसद और नेता केशवराव ने NDTV से कहा, 'हम इलेक्शन लॉ अमेंडमेंट बिल का विरोध करते हैं. इस बिल को आगे समीक्षा के लिए संसद की स्थाई समिति या सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए.