उपराष्ट्रपति पद को लेकर विपक्ष कर रहा बड़ी प्लानिंग, जानिए क्या चल रहा  

जगदीप धनखड़ ने 22 जुलाई की शाम अचानक पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे की वजह खराब स्वास्थ्य बताया गया था. उनका इस्तीफा ऐसे समय में हुआ था, जब संसद का मानसून सत्र शुरू ही हुआ था. अब फिर से चुनाव होने जा रहा है.

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  • उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए 9 सितंबर को मतदान होगा और विपक्ष एक साझा उम्मीदवार उतार सकता है.
  • विपक्ष ने 21 अगस्त तक नामांकन के लिए समय तय किया है और सम्मानजनक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार है.
  • चुनाव में राज्यसभा के 233 सांसद, 12 नामित सदस्य और लोकसभा के 543 सांसद मतदान करेंगे.
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जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद 9 सितंबर को अब चुनाव होना है. चुनाव की तारीख तय होते ही विपक्ष भी अपनी रणनीति बनाने लगा है. सूत्रों का कहना है कि 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए विपक्ष अपना एक साझा उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार सकता है.

एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने एनडीटीवी को बताया है कि इस मुद्दे पर सरकार के साथ आम सहमति के आसार फिलहाल दिखाई नहीं देते. ऐसे में यह लगभग तय है कि विपक्ष की तरफ से एक साझा उम्मीदवार उतारा जाएगा. 

सूत्रों के मुताबिक, इंडिया ब्लॉक से जुड़े विपक्षी दल 16 अगस्त तक अपने उम्मीदवार का चयन कर सकते हैं. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष के पास 21 अगस्त तक समय है. विपक्ष ने यह तय किया है कि वह एक सम्मानजनक स्पर्धा के लिए तैयार है. आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामांकन की आख़िरी तारीख 21 अगस्त है. उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए राज्यसभा के 233 सांसद, 12 राज्यसभा के नामित सांसद और 543 लोकसभा के सांसद मतदान करेंगे.

उपराष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया और योग्यता

  • भारत का नागरिक होना चाहिए.
  • कम से कम 35 वर्ष की आयु होनी चाहिए.
  • राज्यसभा का सदस्य चुने जाने की योग्यता होनी चाहिए.
  • उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया होती है.
  • उम्मीदवार को ₹15,000 की जमानत राशि जमा करनी होती है.
  • 1/6 वोट न मिलने पर जमानत राशि जब्त हो जाती है.
  • नामांकन पत्रों की जांच के बाद वैध उम्मीदवारों की सूची तैयार की जाती है.
  • मतदान प्रक्रिया में, मतदाता अपनी पसंद के अनुसार उम्मीदवारों को प्राथमिकता देते हैं. 
  • उदाहरण के लिए, यदि तीन उम्मीदवार A, B, और C हैं, तो मतदाता प्राथमिकता दर्शा सकता है.
  • हर सांसद एक वोट देता है. प्राथमिकता के आधार पर उम्मीदवारों को 1, 2, 3… के क्रम में दर्शाता है.
  • मतों की गिनती के बाद, उम्मीदवारों को उनकी प्राथमिकता के अनुसार मतों का आवंटन किया जाता है.
  • सबसे ज्यादा मत पाने वाले उम्मीदवार को राष्ट्रपति चुनाव का विजेता घोषित किया जाता है.


 

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