विपक्ष ने 1977 के आम चुनाव में मोरारजी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया था: शरद पवार

पवार ने कहा, “ राज्यों में हाल के विधानसभा चुनावों में खराब नतीजों के बावजूद हमें विश्वास है कि लोग ‘इंडिया’ गठबंधन को एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में स्वीकार करेंगे. हम सभी एहतियात बरत रहे हैं. अभी तक सीट-बंटवारे पर कोई बातचीत नहीं हुई है, लेकिन सर्वसम्मति बनाने और मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत शुरू हो गई है.”

विज्ञापन
Read Time: 16 mins

अमरावती: साल 2024 के आम चुनाव से पहले विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया' की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर उपजे संशय के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को कहा कि 1977 का लोकसभा चुनाव विपक्ष ने मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए बिना लड़ा था.

यहां प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पवार ने यह भी भरोसा जताया कि अगले आम चुनाव के लिए ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में उभरेगा. उन्होंने कहा, “1977 का लोकसभा चुनाव विपक्ष ने बिना प्रधानमंत्री पद का चेहरा पेश किए लड़ा था. चुनाव में विपक्ष की जीत के बाद मोरारजी देसाई को इस पद के लिए चुना गया.”

पवार ने कहा, “ राज्यों में हाल के विधानसभा चुनावों में खराब नतीजों के बावजूद हमें विश्वास है कि लोग ‘इंडिया' गठबंधन को एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में स्वीकार करेंगे. हम सभी एहतियात बरत रहे हैं. अभी तक सीट-बंटवारे पर कोई बातचीत नहीं हुई है, लेकिन सर्वसम्मति बनाने और मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत शुरू हो गई है.”

मोरारजी देसाई पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे. वह 1977 से 1979 के बीच प्रधानमंत्री रहे और जनता पार्टी की सरकार का नेतृत्व किया था. नागपुर में बृहस्पतिवार को कांग्रेस के स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाली रैली को लेकर पवार ने उम्मीद जताई कि कार्यक्रम के दौरान जो कुछ भी बोला जाएगा, उसका उद्देश्य विपक्षी गठबंधन के लिए अनुकूल आधार तैयार करना होगा.

क्या मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी को विपक्षी गुट में शामिल किया जाएगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) पहले से ही गठबंधन का हिस्सा है और ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा जिससे अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी को नुकसान हो.

जब उनसे प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के बारे में पूछा गया, तो पवार ने कहा कि ‘इंडिया' गठबंधन की पिछली बैठक के दौरान, उन्होंने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे से आंबेडकर से बात करने और उनकी पार्टी से गठबंधन करने की कोशिश करने के लिए कहा था. राकांपा प्रमुख ने कहा, 'इसके बाद क्या हुआ, यह मुझे नहीं पता.”

Advertisement

पवार ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'हमें यकीन है कि लोकसभा चुनाव के बाद सरकार बदलेगी और फिर हम देखेंगे कि इस दुरुपयोग को कैसे रोका जा सकता है.'

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संसद से निलंबित सांसद सवाल पूछ रहे थे कि जब लोकसभा की कार्यवाही चल रही थी तो ‘घुसपैठिए' अंदर कैसे आ गए? पवार ने कहा, “उनकी मांगें क्या थीं, उन्हें कौन लेकर आया और अगर उनकी मांगें जायज हैं तो उन पर गौर किया जाना चाहिए.”

Advertisement

ये भी पढ़ें:-
कांग्रेस आलाकमान ने आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश के नेताओं के साथ लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Mahakumbh 2025 Prayagraj: प्रयागराज महाकुंभ की सुरक्षा को लेकर बड़ी जानकारी | CM Yogi