वक्फ बिल पर विपक्ष का वार, सरकार ने भी किया पलटवार, प्वाइंट्स में पढ़ें किसने क्या कहा

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लोकसभा में किरेन रिजिजू का वक्फ (संशोधन) विधेयक पर लोकसभा में बयान

  1. हक छीनने वाला नहीं,हक देने वाला बिल- किरण रिजिजू : वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर लोकसभा में बोलते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आज जो विधेयक लाया गया वह सच्चर समिति की रिपोर्ट (जिसमें सुधार की बात कही गई थी) पर आधारित है, जिसे आपने (कांग्रेस ने) बनाया था. किरेन रिजिजू ने कहा कि ये बिल किसी के अधिकारों पर चोट नहीं करता. इस बिल में संविधान के किसी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं है. जिन्हें हक नहीं मिला ये बिल उन्हें हक दिलाएगा.उन्होंने कहा कि इस बिल को जेपीसी को भेजा जाए.इस पर स्पीकर ने कहा कि हां इस जल्द कमेटी बनाएंगे. इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा.किसी के अधिकार छीनने की बात तो भूल ही जाइए, यह विधेयक उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है, जिन्हें कभी अधिकार नहीं मिले."
  2. ये विधेयक संविधान पर हमला- केसी वेणुगोपाल : कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक संविधान पर हमला है. उन्होंने सवाल किया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश से अयोध्या में मंदिर बोर्ड का गठन किया गया. क्या कोई गैर हिंदू इसका सदस्य हो सकता है. फिर वक्फ परिषद में गैर मुस्लिम सदस्य की बात क्यों की जा रही है? वेणुगोपाल ने दावा किया कि यह विधेयक आस्था और धर्म के अधिकार पर हमला है. उन्होंने कहा कि अभी आप मुस्लिम पर हमला कर रहे हैं, फिर ईसाई पर करेंगे, उसके बाद जैन पर करेंगे. कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि यह विधेयक महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के चुनाव के लिए लाया गया है, लेकिन देश की जनता अब इस तरह की विभाजन वाली राजनीति पसंद नहीं करती. वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक संघीय ढांचे पर भी हमला है.
  3. आप मुसलमानों के दुश्मन- ओवैसी : वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है, जो सभी नागरिकों को अपनी आस्था के लिए समान अवसर देता है.आखिर इस विधेयक को लाने की आवश्यकता ही क्या है. मंदिरों की समितियों में भी तो कोई गैर हिन्दू नहीं है.अगर कल कोई आकर बोलेगा कि मैं 5 साल से इस्लाम प्रैक्टिस नहीं कर रहा हूं तो कौन डिसाइड करेगा और अगर कोई नया कंवर्ट है तो क्या उसे वक्फ को अपनी संपत्ति देनी है तो क्या वो 5 साल तक इंतजार करेगा. इस तरह का कोई प्रावधान हिंदू और सिख गुरुद्वारा के लिए नहीं है. मैं आपसे जानना चाहता हूं कि ये जो आप बिल ला रहे हैं इससे आप क्या संदेश देना चाहते हैं. आप देश को बांटने का काम कर रहे हैं, जोड़ने का नहीं. आप दुश्मन हैं मुसलमानों के और इसका सबूत यह बिल है.
  4. ये बिल मुस्लिम विरोधी नहीं- ललन सिंह : जनता दल (यूनाइटेड) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिम विरोधी नहीं है और इसे सिर्फ वक्फ संस्थाओं के कामकाज में पारदर्शिता के लिए लाया गया है. जद(यू) के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में कहा कि कई (विपक्षी) सदस्यों की बातों से लग रहा है कि यह विधेयक मुसलमान विरोधी है. यह कैसे मुसलमान विरोधी है?'' उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने मंदिरों की बात की है, लेकिन मंदिर और संस्था में अंतर है. ललन सिंह ने कहा कि मस्जिदों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है. जद (यू) सांसद ने कहा, ‘‘वक्फ संस्था को पारदर्शी बनाने के लिए यह संशोधन लाया जा रहा है.''
  5. मुस्लिमों के साथ अन्याय क्यों- मोहिबुल्ला नदवी : समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने कहा कि मुस्लिमों के साथ यह अन्याय क्यों किया जा रहा है? उन्होंने दावा किया, ‘‘संविधान को रौंदा जा रहा है...यह आप (सरकार) बहुत बड़ी गलती करने जा रहे हैं. इसका खामियाजा हमें सदियों तक भुगतना पड़ेगा.''सपा सांसद ने कहा, ‘‘अगर यह कानून पारित हुआ तो अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे... कहीं ऐसा नहीं हो कि जनता दोबारा सड़कों पर आ जाए.''
  6. ये विधेयक अनुच्छेद 14 का उल्लंघन- सुदीप बंदोपाध्याय : तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि यह विधेयक अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है तथा असंवैधानिक है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाला तथा सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है.
  7. ये दुखद दिन- कनिमोझी : द्रमुक सांसद के. कनिमोझी ने कहा कि यह दुखद दिन है. आज हम देख रहे हैं कि यह सरकार संविधान के खिलाफ सरेआम कदम उठा रही है. यह विधेयक संविधान, संघवाद, अल्पसंख्यकों और मानवता के खिलाफ है.
  8. बता दें कि वक्फ कानून 1995 के सेक्शन 40 को हटाया जा रहा है. इस कानून के तहत वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने का अधिकार था, लेकिन अब संपत्ति को लेकर अधिकारों पर कैंची चला दी गई है. दरअसल, वक्फ अधिनियम की धारा 40 पर सबसे ज्यादा विवाद है. अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति समझता है तो वो उसे नोटिस देकर और फिर जांच करके तय कर सकता है कि वो वक्फ की जमीन है. वो यह भी तय कर सकता है कि ये शिया वक्फ है या फिर सुन्नी. वक्फ बोर्ड के फैसले के खिलाफ सिर्फ ट्रिब्यूनल में ही जाने का अधिकार है.
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