असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान को लेकर कही बड़ी बात
Operation Sindoor: भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान से संचालित हो रहे आतंकी संगठनों पर एयरस्ट्राइक कर उन्हें तबाह कर दिया है. भारतीय सेना की इस कार्रवाई की जानकारी गुरुवार को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक में दी. इस बैठक के बाद अब AIMIM के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी का एक बयान चर्चाओं में है. उन्होंने इस बैठक में सरकार से खास मांग की है. असदुद्दीन ओवैसी ने सर्वदलीय बैठक में भारतीय सेना और केंद्र सरकार की सराहना की है. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान पर बड़ी और कड़ी कार्रवाई की अपील भी की. ओवैसी ने केंद्र से मांग की कि वह द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ के खिलाफ वैश्विक अभियान की शुरुआत करे.
NDTV से खास बातचीत में ओवैसी ने कहा कि हमारे जो ऑब्जेक्टिव थे, उनको पूरा कर लिया गया है. हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. हमने किसी रिहायशी इलाके या सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया है. जो पहलगाम में हुआ उसके बाद ये एक्शन तो सरकार को लेना ही था. इसके अलावा भी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े कदम उठाए हैं. देशवासियों को ये बात भी समझने की जरूरत है कि हाफिज सईद के बेटे हाफिज अब्दुल रऊफ ने पीओके में कहा था कि पूरे 2025 में वह भारत में जिहाद करेगा.
ये (आतंकी) इतनी गलत तरीके की बातें करते हैं जिसकी इस्लाम में कहीं कोई जगह नहीं है. मेरी नजर में ये लोग यहीं नहीं रुकेंगे. ऐसी ताकतों को रोकने के लिए सरकार को सोचना चाहिए. अच्छा है कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है. मैंने सरकार से कहा कि आप सिर्फ 9 आतंकी ठिकानों को ही तबाह करके क्यों रुके. आपको बाकी को भी तबाह करना चाहिए था.
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि आतंकी संगठन टीआरएफ के खिलाफ भारत को इंटरनैशनल कैंपेन चलाना चाहिए. सुरक्षा परिषद और अमेरिका को यह बताना चाहिए कि इसे आतंकी संगठन घोषित करे. फरवरी 2025 में हाफिज सईद के बेटे हाफिद अब्दुल ने एक भाषण दिया था. इसमें उसने कहा था कि 2025 में पूरे साल जिहाद करेंगे. जिहाद का नाम लेकर भारत में आतंक फैलाने की साजिश रची जा रही है. आतंकी हरकतों पर पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डाल देना चाहिए. ओवैसी ने कहा कि भारत को तुर्की को भी समझाना चाहिए. वह खुद कुर्दों पर हमले करता है और भारत पर वह कैसे सवाल उठा सकता है.
क्या है टीआरएफ
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल के सालों में सबसे घातक नागरिक हमला हुआ था. 22 अप्रैल को हुए इस कायराना आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे. केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के से जुड़े- द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली थी. माना जाता है कि TRF को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का समर्थन मिला हुआ है और यह लश्कर के संस्थापक और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का प्रॉक्सी है. मंगलवार को इस समूह ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि क्षेत्र में "जनसांख्यिकीय परिवर्तन" किया जा रहा है और यही हमले का कारण है.
द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक प्रॉक्सी आतंकी संगठन है, जिसका गठन 2019 में जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुआ था. इसकी शुरुआत एक ऑनलाइन यूनिट के रूप में हुई थी. लेकिन तहरीक-ए-मिल्लत इस्लामिया और गजनवी हिंद जैसे मौजूदा संगठनों के तत्वों को मिलाकर यह तेजी से एक पूरी तरह के आतंकवादी समूह में विकसित हो गया.