विदेश सचिव विक्रम मिसरी बीच में बैठे हैं. दाईं तरफ कर्नल सोफिया कुरैशी और उनके बाईं ओर विंग कमांडर व्योमिका हैं. तीनों पाकिस्तान और PoK में भारत के एयर स्ट्राइक की डीटेल्स देते, इससे पहले उनके पीछे स्क्रीन पर 1.40 मिनट की फिल्म चलने लगती है. फिल्म बड़ी इमोशनल है. हर भारतीय की आह उसमें है. फिल्म के शुरुआत में अंग्रेजी में एक मेसेज चलता है. मेसेज है- जब दुनिया नई सदी को गले लगा रही है, भारत सीमा पार आतंकवाद से लगातार लड़ रहा है.
...और फिर स्क्रीन पर पाकिस्तान के आतंकी करतूतों की पूरी फिल्म चलने लगती है.
2001 संसद पर आतंकी हमलाः 9 मौतें, 18 घायल. लोकतंत्र के मंदिर में गोलियां बरस रही हैं. धुआं स्क्रीन पर दिख रहा था. वह जख्म जिसने हर भारतीय को दर्द दिया, वह ताजा हो जाता है.
स्क्रीन पर इसके बाद गुजरात के गांधीनगर में 2002 में हुए अक्षरधाम मंदिर आतंकी हमले की वे खौफनाक यादें ताजा होने लगती हैं. खून से लथपथ लाश को हाथों में उठाकर लोग बाहर ले जा रहे हैं. स्क्रीन पर जख्म के निशान दिखाए देते हैं. 31 मौतें, 80 घायल
इसके बाद स्क्रीन पर मुंबई अटैक 2008 का दृश्य उभरता है. होटेल ताज से उठता धुआं. लहूलुहान लोग. स्क्रीन पर 164 मौतें और 300 घायल. और फिर उरी हमला 2016 दिखता है. स्क्रीन पर शहीदों की तस्वीर. 20 जवान शहीद, 21 घायल.
फिर 2019 के पुलवामा अटैक में बारूद के धमाके में उड़ती सेना की बस. घाटी में बारूद की गंध. 40 जवान शहीद और 5 घायल.
और सबसे आखिर में 2025 का पहलगाम अटैक. हंसी खुशी के माहौल में गोलियों की आवाज. महिलाओं की चीखें और और मखमली मैदान में बिखरी पड़ीं पर्यटकों की लाशें. 26 मौतें, 17 घायल.
स्क्रीन पर मेसेज इन शब्दों के साथ पूरा होता है- पिछले दशक में सीमापार आतंकवाद से 350 से ज्यादा नागरिकों की जानें गई हैं. 800 लोग घायल हुए हैं. आतंक से देश की रक्षा करते हुए 600 जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. 1400 से ज्याद घायल हुए हैं. और फिर स्क्रीन पर उभरता है... NO MORE. यानी अब नहीं. OPERATION SINDOOR.
मेसेज: 1 अब और नहीं सहेगा भारत
पाकिस्तान और PoK में 100 किलोमीटर अंदर तक घुसकर बोल्ड शब्दों में भारत ने क्लियर मेसेज दे दिया है. एयरस्ट्राइक पर जानकारी देने के लिए बुधवार सुबह विदेश मंत्रालय, सेना और वायु सेना की ब्रीफिंग में दुनिया के देशों और पाकिस्तान के लिए कई मेसेज छिपे थे. संसद हमले से लेकर पहलगाम तक आतंक के जख्म दुनिया को दिखाकर भारत ने यह मेसेज क्लियर कर दिया है कि आतंक के खिलाफ प्रहार होगा और जोरदार होगा. भारत अब और नहीं सहेगा. पाकिस्तान और पीओके अंदर नौ आतंकी ठिकाने जिस तरह चुने गए वह भी अपने आप में एक मेसेज है. भारत ने 2001 से अब तक मिले जख्मों का बदला लिया है. इसके साथ ही विदेश सचिव विक्रम मिसरी की प्रेस ब्रीफिंग में मौजूदगी से साफ है कि भारत सैन्य के साथ कूटनीति के जरिए आगे बढ़ेगा. मिसरी ने भी ब्रीफिंग यह यह साफ लफ्जों में कहा कि भारत ने सीमापार आतंकवाद का जवाब देने और उसे रोकने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है.
दो महिला अधिकारियों से क्या मेसेज
ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए सेना और वायुसेना की दो महिला अधिकारियों को चुना गया. ये थीं- कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका. संसद हमले से लेकर पहलगाम अटैक तक जिस तरह आतंकियों ने कई सुहागिनों का सिंदूर उजाड़ा है, माना जा रहा है उसको देखते हुए ही इस ऑपरेशन को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया. सूत्रों के मुताबिद सेना को खुद यह नाम पीएम मोदी की ओर से सुझाया गया था.
इस ऑपरेशन की डीटेल्स देने के लिए दो बेटियों को चुनकर यह संदेश दिया गया कि भारत की बेटियां जवाब देना जानती हैं. इसके साथ ही आतंकियों ने जिस तरह से पहलगाम में धर्म पूछकर पर्यटकों को गोली मारी और भाईचारे को बिगाड़ने की कोशिश की, प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी इसका जवाब मानी जा रही थीं.